डीवीवीएनएल के 37 फीसद बिल मिले गलत, जानिए कैसे
बिलिंग करने वाली कंपनियों ने की लापरवाही लाखों का नुकसान अब दूसरी कंपनियों को धन देकर सही करा रहे हैं बिल
आगरा, जागरण संवाददाता। दक्षिणांचल विद्युत वितरण लि.(डीवीवीएनएल) को बिलिंग कंपनी ने लाखों की चपत लगाई है। कंपनी ने 37 फीसद बिल गलत बना दिए। अब उनको सही कराने के लिए डीवीवीएनएल को लाखों रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है। उपभोक्ताओं में कंपनी की साख खराब हुई वो अलग। इतना ही नहीं गलत बिलिंग का असर विभाग की सरचार्ज समाधान योजना पर भी पड़ा। डीवीवीएनएल में वर्ष अक्टूबर 2018 से पूर्व पांच कंपनी बिलिंग कर रही थीं। आगरा जोन के पांच जिलों में कार्तिक इंफोर्मेटिक, इंफोसॉफ्ट डाटा, वैभू और टेरासोफ्ट ने बिलिंग की है। अलीगढ़ जोन में चार जिलों में साईं कम्प्यूटर वैभू, झांसी जोन के दो जिलों में साईं कम्प्यूटर ने की है। बांदा जोन के दो जिलों में साईं कम्प्यूटर और कानपुर जोन के पांच जिलों में वैभू, कार्तिक इंफोर्मेटिक व टेरासॉफ्ट ने की है। लेकिन इन कंपनियों ने 37 फीसद गलत बिल बना दिए। डीवीवीएनएल ने इन कंपनियों को करीब सात रुपये प्रति उपभोक्ता भुगतान भी कर दिया। गलत बिलों के चलते सरचार्ज समाधान योजना के तहत अधिकांश बिल संशोधित करने पड़े हैं। 4.57 लाख उपभोक्ताओं के बिल में 314 करोड़ रुपये की गड़बड़ी पाई गई है। अब इन बिलों को सुधारने के लिए डीवीवीएनएल दूसरी कंपनी को भुगतान कर रहा है। नाम मात्र रोका कुछ भुगतान डीवीवीएनएल को बिलिंग कंपनियों के पूरे खेल का पता होने के बाद भी नाम मात्र की कार्रवाई की है। इनमें से कुछ कंपनियों का नाम मात्र भुगतान रोका है। इसमें भी गलत बिलिंग करने का खुलासा नहीं किया है। चलते मीटरों को दिखाया खराब बिजली अधिकारियों की मानें तो बिलिंग कंपनियों के कर्मचारियों ने चालू मीटरों को भी खराब दर्शा दिया और उपभोक्ता का टेबिल तैयार कर दिया। पता नहीं क्षेत्र में कितने बिल गलत बने डीवीवीएनएल के अधीक्षण अभियंताओं की निगरानी में बिलिंग कंपनी कार्यरत थीं। इसके बावजूद भी इन्हें नहीं पता कि क्षेत्र में कितने गलत बिल बने हैं। पूर्व में जिन कंपनियों ने गलत बिल तैयार करे हैं। इनका भुगतान रोका गया है। वर्तमान में फ्लुएंटग्रिड और पेस एंड वी टेक्नोलॉजी बिलिंग कर रहीं हैं। एसके वर्मा, प्रबंध निदेशक, डीवीवीएनएल ग्रामीण क्षेत्रों में मीटर से बिलिंग शुरू नहीं हुई है। लेकिन जो गलत बिलिंग हुई है। उनमें सुधार हो रहा है। हमारी तरफ से अभी भुगतान नहीं रोका गया है। गलत बिलिंग का प्रूफ करके ही कार्रवाई होगी। एके चौधरी, मुख्य अभियंता, आगरा