Cyber Crime: आनलाइन ट्रांसपोर्ट सर्विस के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, इस तरह बनाते थे शिकार

Cyber Crime साइबर सेल में मामले की जांच के बाद सोमवार रात गैंग के सरगना समेत तीन को पुलिस ने दबोच लिया।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 08:11 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 08:11 PM (IST)
Cyber Crime: आनलाइन ट्रांसपोर्ट सर्विस के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, इस तरह बनाते थे शिकार
Cyber Crime: आनलाइन ट्रांसपोर्ट सर्विस के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, इस तरह बनाते थे शिकार

आगरा, जागरण संवाददाता। कई राज्यों के लोगों को अपने जाल में फंसाकर ठगी कर चुके ऑनलाइन ठगी गैंग ने पिछले दिनों न्यू आगरा और एत्माद्दौला में भी व्यापारियों से ऑनलाइन ठगी की थी। साइबर सेल में मामले की जांच के बाद सोमवार रात गैंग के सरगना समेत तीन को पुलिस ने दबोच लिया।

न्यू आगरा क्षेत्र के व्यापारी गिर्राज शर्मा और प्रवीन अग्रवाल इस गैंग के शिकार हुए थे। गिर्राज शर्मा को बंदी के दौरान महाराष्ट्र से सस्ते दामों पर 16 टन प्याज मंगवानी थी। उन्होंने गूगल पर ट्रक भाड़े के लिए ट्रांसपोर्ट कंपनी सर्च की तो बहुत सस्ते दाम पर प्याज मय ट्रक भाड़ा उपलब्ध कराने का प्रलोभन दिया गया। झांसे में देकर शातिरों ने उनसे 50 हजार रुपये ठग लिए। प्रवीन अग्रवाल ने मुरैना से अलीगढ़ सस्ते दाम पर सरिया भेजने के लिए गूगल पर मोबाइल नंबर सर्च किया। दिए नंबर पर संपर्क करने पर शातिरों ने उन्हें झांसे में दे दिया और 12 हजार रुपये ठग लिए। दोनों ने एसएसपी बबलू कुमार से शिकायत की। उन्होंने साइबर सेल को मामले की जांच सौंप दी। साइबर सेल ने एत्माद्दौला पुलिस की मदद से एत्माद्दौला के गुलाब नगर निवासी किशन सिंह, दीपक तोमर और चंदन नगर निवासी अतुल को गिरफ्तार कर लिया। गैंग में शामिल गुलाब नगर निवासी अखिलेश, अमित और गोविंद अभी फरार हैं।

ऐसे करते हैं ठगी

एसएसपी ने बताया कि किशन सह गैंग का सरगना है। दो वर्ष से वह इस गैंग को चला रहा है। अतुल पेट्रोल पंप पर काम करता था। वह कार्ड स्वैप करके पेट्रोल पंप के खाते से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को कैश में बदल देता था। गैंग के सदस्य देश के विभिन्न राज्यों आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उप्र, मप्र, राजस्थान, तमिलनाडु के लिए ऑनलाइन ट्रकभाड़ा तलाशने वाले लोगों को शिकार बनाते हैं। इंटरनेट पर इन्होंने ट्रकभाड़ा, सस्ता राशन, मालभाड़ा, मूवर्स एंड पैकर्स, ओएलएक्स, ई ट्रक, जस्ट डायल पर शातिरों ने अपने नंबरों का जाल बिछा रखा है। गैंग ने प्रिंस एंटरप्राइजेज, युवराज रोड लाइंस, मूवमेंट लॉजिस्टिक, सहज एंटरप्राइजेज, यूएन इंडिया सपोर्ट, अंबे ट्रांसपोर्ट, श्री देव ट्रांसपोर्ट कंपनी, कपिल शर्मा ट्रेडर्स, एमवीएमआर लॉजिस्टिक प्रालि, शिवा एंटरप्राइजेज, एपीआर एंटरप्राइजेज, बिंदल ट्रांसोल्यूशन प्रालि, नामों से अपना रजिस्ट्रेशन ओएलएक्स, ई ट्रक और जस्ट डायल पर करा रखा है। इन एप्लीकेशन के माध्यम से ही गैंग के मोबाइल नंबरों पर ट्रांसपोर्ट कंपनियों के लिए लोग कॉल करते हैं। इनको सस्ता भाड़े का लालच दिया जाता था। मोबाइल एप के माध्यम से ये फर्जी बिल्टी व्यक्ति के वाट्सएप पर भेज देते थे। इसके बाद खाते में रकम जमा करा लेते थे।

किराए पर लेते हैं ठगी को खाते

पुलिस को गैंग के 28 खातों की जानकारी हुई है। जिन खातों से ठगी की गई हैं। वे अधिकतर बंद हो चुके हैं। वर्तमान में गैंग के नौ खाते चालू हैं। इनका ठगी को इस्तेमाल किया जा रहा था। खाताधारक को चार से पांच हजार रुपये किराया देते थे।

कई राज्यों से की ठगी

पुलिस ने इनसे पूछताछ की तो पता चला कि हाल ही में गैंग ने आंध्र प्रदेश के काव्या श्री से दो लाख, तेजा फूड से 1.66 लाख, चिर्जावी ङ्क्षसगड़ी से 2.19 लाख, जमशेदपुर के सोहन तिवारी से 1.40 लाख, तमिलनाडु के ट्रांसपोर्टर लक्ष्मण से 20 हजार रुपय की ठगी की। महाराष्ट्र के तुकाराम से 15 हजार, मप्र के व्यापारी सत्यनारायण से 20 हजार रुपये की ठगी की।  

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