आइकोनिक साइट की आसान नहीं राह
विजन डाक्यूमेंट के सुझावों पर करना होगा विचार-विमर्शपेड़ काटने की जरूरत वाले प्रोजेक्ट से बचने की सलाह
आगरा,जागरण संवाददाता। आइकोनिक साइट ताजमहल और फतेहपुर सीकरी के विकास की राह आसान नहीं नजर आ रही है। मंगलवार को स्थानीय अधिकारियों ने आर्किटेक्ट फर्मों को सुप्रीम कोर्ट में जमा हो चुके विजन डाक्यूमेंट के सुझावों पर विचार-विमर्श करने की ताकीद की। ऐसे प्रोजेक्ट से दूर रहने को कहा गया, जिनमें पेड़ काटने की जरूरत हो। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से रायशुमारी जरूर करने को कहा गया।
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा आइकोनिक साइट ताजमहल और फतेहपुर सीकरी के विकास के लिए शहर के पर्यटन कारोबारियों के साथ मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिग की गई। इसमें आर्किटेक्ट फर्म आर्कहम ने ताजमहल और एचकेएस ने फतेहपुर सीकरी पर प्रेजेंटेशन दिया। आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के चीफ टाउन प्लानर आरके सिंह ने कहा कि विजन डाक्यूमेंट सुप्रीम कोर्ट में जमा किया जा चुका है। इसलिए उसके सुझावों पर विचार जरूर किया जाए। उपनिदेशक पर्यटन अमित ने कहा कि ताजमहल और फतेहपुर सीकरी समेत अन्य स्मारक एएसआइ द्वारा संरक्षित हैं। स्मारकों के आसपास कार्य करने से पूर्व एएसआइ से सलाह जरूर ली जाए। ऐसे प्रोजेक्ट नहीं बनाएं, जिनमें पेड़ काटने की आवश्यकता हो। ताज ट्रेपेजियम जोन में ऐसे प्रोजेक्ट में अधिक समय लग सकता है। आर्किटेक्ट फर्मों ने दो से पांच वर्ष का समय आइकोनिक साइट के विकास में लगने की बात कही। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का रखा जाए ध्यान
आगरा टूरिज्म डवलपमेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष संदीप अरोड़ा ने ताजमहल के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय-समय पर जारी आदेशों का अनुपालन करने, ताजगंज को लिविग हेरिटेज के रूप में विकसित करने और विरासत को विरासत के रूप में ही सहेजने की बात कही। टूरिज्म गिल्ड आफ आगरा के उपाध्यक्ष राजीव सक्सेना ने फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजा व दरगाह परिसर को प्रोजेक्ट में नजरअंदाज करने पर आपत्ति जताई। उन्होंने बुलंद दरवाजा तक पर्यटकों की सुगम पहुंच, पार्किंग से बैटरी कार संचालित करने की मांग की। होटल एंड रेस्टोरेंट आनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश वाधवा, टूरिस्ट गाइड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक दान समेत अन्य वीडियो कांफ्रेंसिग में शामिल हुए।