Bhoomi Nutrition Campaign: ब्रज के 200 गांवों के किसानों के खेतों में चलेगा भूमि पोषण अभियान
Bhoomi Nutrition Campaign मिट्टी के नमूने लेकर कराई जाएगी जांच। किसानों को दी जाएगी उर्वरा शक्ति बढ़ाने की सलाह। निदेशालय से कार्ययोजना तैयार कर रहा है। कार्ययोजना प्राप्त होने के बाद मृदा के नमूनों का लेने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
आगरा, जेएनएन। खेतों में गड़बड़ा रहे पोषक तत्वों के संतुलन को बनाए रखने के लिए अब भूमि पोषण अभियान की शुरुआत की जाएगी। इसके लिए दो सौ गांवों का चयन किया गया है। कृषि विभाग ने इसके लिए सूची कृषि निदेशालय को भी भेज दी है। खेतों से मिट्टी के नमूऐ लेकर उनकी जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर किसानों को पोषक तत्वों संतुलन बनाने की सलाह भी दी जाएगी।
जिले में करीब 2.60 लाख हेक्टेयर में खेती की जा रही है। रबी में गेहूं, जौ, सरसों और खरीफ में धान, बाजरा और चारे की फसलें उगाई जा रही हैं। जायद में करीब 20-25 हजार हेक्टेअर है। इसमें दलहन और सब्जियों की खेती अधिक होती है। किसान अधिक उत्पादन लेने के लिए बेहिसाब रसायन उर्वरक, जहरीले कीटनाशक और खर पतवारनाशी का प्रयोग कर रहे हैं। पूर्व में कराई गई मृदा जांच रिपोर्ट के अनुसार, मृदा में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की मात्रा का अनुपात बिगड़ गया है। कहीं पोटाश की मात्रा अधिक पाई जा रही है, तो कहीं नाइट्रोजन कम मिल रहा है। सूक्ष्म तत्व भी कम पाए जा रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष व वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एसके मिश्रा ने बताया, विकास खंड फरह, मथुरा, चौमुहां और छाता मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर है। इन विकास खंडों में भूगर्भ जल तैलीय और कड़ुआ है। इससे खेतों की मिट्टी में सोडियम की मात्रा बढ़ रही है। इससे बचने के लिए किसान बारिश को पानी का संरक्षण करें। उनका कहना है, अधिक दोहन के कारण सोडियम आ रहा है। यमुना के ओखला बैराज से निकली आगरा कैनाल में फरीदाबाद और पलवल की फैक्ट्रियों का पानी आ रहा है। इस पानी में साल्ट की मात्रा अधिक है। फैक्ट्रियों के खतरनाक ऐलीमेंट पानी में घुलकर आ रहे हैं। किसान जब ट्यूबवेल से सिंचाई करते हैं, तब ट्यूबवेल के आगे सफेद झाग का पहाड़ बन जाता है। जो मिट्टी की मूल संरचना को बिगड़ रहा है। मृदा में सुधार लाने के लिए जिले के 200 गांवों में भूमि पोषण अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए गांवों का चयन किया गया है। जिला कृषि अधिकारी अश्वनी कुमार सिंह ने बताया, गांवों का चयन कर सूची निदेशालय को भेज को दी गई है। निदेशालय से कार्ययोजना तैयार कर रहा है। कार्ययोजना प्राप्त होने के बाद मृदा के नमूनों का लेने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया, भूमि पोषण अभियान मिट्टी सुधार के लिए मील का पत्थर साबित होगा।