हौसले की कलम, जुनून की स्याही से लिख रहे तकदीर

दयालबाग के लालगढ़ी में संचालित लाड़ो पाठशाला में गरीब परिवार के ब'चों को मिल रही शिक्षा, 15 युवाओं के समूह ने शुरू किया एनजीओ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jan 2019 10:00 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jan 2019 10:00 AM (IST)
हौसले की कलम, जुनून की स्याही से लिख रहे तकदीर
हौसले की कलम, जुनून की स्याही से लिख रहे तकदीर

आगरा, सुबान खान। ये उन युवाओं की कहानी है जो खुद का भविष्य संवारने के साथ समाज के उस तबके के लिए भी चिंतित हैं जो अशिक्षित हैं। निरक्षर का दाग मिटाने को इनका हौसला काबिले तारीफ है। जुनून की स्याही से खुद ही बच्चों की तकदीर लिखने में जुटे हैं। ताजनगरी के ये युवा कॉलेज से आने के बाद मलिन बस्ती के बच्चों को तीन घटे पढ़ाते हैं।

दयालबाग स्थित लालगढ़ी में चार वर्ष से संचालित लाड़ो पाठशाला में गरीब परिवारों के 150 शिक्षा ग्रहण करते हैं। इन्हें पढ़ाने वाले युवा खुद भी पढ़ाई कर रहे हैं। वे शाम को तीन घंटे उन्हें ट्यूशन जरूर देते हैं। दयालबाग में 15 युवाओं के समूह ने आधी आबादी नाम से एनजीओ तैयार किया। पहले वर्ष महिलाओं को सिलाई सिखाई। मन की इच्छा पूरी न हुई तो मलिन बस्ती में घर-घर जाकर बच्चों को एकत्र किया। सरकारी स्कूल में दाखिला दिलाया और खुद ट्यूशन दे रहे हैं।

समूह के सदस्य तेजवीर सिंह बताते हैं कि वे एक दिन लालगढ़ी गाव में सुबह प्राइमरी स्कूल के पास से गुजर रहे थे। वहा पढ़ाई के वक्त भागते-दौड़ते बच्चों को देख एनजीओ की शुरुआत की। कॉलेज में पढ़ाई करने वाले युवाओं को जोड़ा। अब रिंट्टू कुशवाह, मधु तोमर और हेमा दिवाकर इन बच्चों को पढ़ाते हैं। ये हैं समूह में शामिल

डॉ. वंदना सिंघल, मंजेश सिंह चौधरी, वैशाली निगम, सौरभ रावत, अनम सिंह, शनि सागर एनजीओ का संचालन संभालते हैं। ..ताकि कोई निरक्षर न रह जाए

समूह सदस्यों ने बताया कि लाड़ो पाठशाला अब शहर के बड़े उद्योगपतियों से संपर्क करेगी। पाठशाला के कर्तव्य समझाकर उन्हें बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा दिया जाएगा। ताकि पैसे के अभाव में कोई निरक्षर न रह जाए।

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