BAMS के बाद एमबीबीएस की उत्तर पुस्तिकाओं में भी किया गया फेरबदल, प्री प्लांड चला कॉपियां बदलने का खेल
Agra News टूंडला के एफएच मेडिकल कालेज की 26 छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओ में बदले मिले हस्तलेख। पुलिस ने हरीपर्वत थाने में एक और प्राथमिकी लिखी। बीएएमएस की उत्तर पुस्तिकाओं की विवेचना के दौरान सामने आए नए तथ्य।
आगरा, जागरण संवाददाता। डाक्टर भीमराव आंबेडकर विश्चविद्यालय में उत्तर पुस्तिकाओं के बदलने के खेल काफी सुनयोजित तरीके से खेला जा रहा था। बीएएमएस के बाद अब एमबीबीएस की उत्तर पुस्तिकाओं में फेरबदल का मामला सामने आया है। उसकी उत्तर पुस्तिकाएं बदलने की आशंका है। छलेसर स्थित एजेंसी के कार्यालय में एमबीबीएस की 26 उत्तर पुस्तिकाओं के हस्तलेख बदले हुए मिले हैं। यह सभी उत्तर पुस्तिकाएं टूंडला के एफएच मेडिकलक कालेज की हैं। पुलिस ने हरीपर्वत थाने में एक और प्राथमिकी लिखी है, पूरे प्रकरण की तह तक जाने के प्रयास में जुटी है।
26 अगस्त को खुला कॉपियां बदलने का खेल
बीएएमएस की उत्तर पुस्तिकां बदलने का 26 अगस्त काे मामला सामने आया था। हरीपर्वत थाने में प्राथमिकी लिखने के बाद पुलिस ने विवि के आटो चालक देवेंद्र और उसके सहयोगी डाक्टर अतुल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। डाक्टर अतुल दिल्ली में एमडी की तैयारी कर रहा था। जिसके बाद पुलिस ने एजेंसी के कार्यालय में उत्तर पुस्तिकाआें की जांच की थी। जिसमें बीएएमएस की 14 उत्तर पुस्तिकाओं के हस्तलेख बदले मिले थे। जिस पर पुलिस ने एक और प्राथमिकी लिखी थी। तीन दिन पहले ही पुलिस ने उत्तर पुस्तिकाएं लिखने वाले आरोपित हाथरस के आयुर्वेदिक कालेज के छात्र पुनीत और दलाल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि पुलिस काे जानकारी मिली कि एक अन्य पाठ्यक्रम की उत्तर पुस्तिकाओं में फेरबदल किया गया है। जिस पर जांच कर रही पुलिस विवि की टीम के साथ एजेंसी के छलेसर स्थित कार्यालय में जांच के लिए गीई थी। टूंडला के एफएच मेडिकल कालेज की 26 उत्तर पुस्तिकाओं के हस्तलेख में अंतर पाया गया है। जिसके चलते उत्तर पुस्तिकाओं के बदलने की आशंका है। मामले में अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी लिखी गई है, विवेचना में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
छात्र नेता को पकड़ने में नाकाम एसटीएफ
बीएमएस की उत्तर पुस्तिकाएं बदलने के मामले में छात्र नेता राहुल पाराशर का नाम सामने आया था। उसकी गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ और पुलिस दोनों की टीम लगी हुई हैं। तीन सप्ताह बाद भी आरोपित छात्र नेता को पकड़ने में पुलिस और एसटीएफ नाकाम रही हैं। पुलिस ने आरोपित के करीबियों के यहां भी दबिश दी, दबाव बनाया लेकिन वह हाथ नहीं आया।