Cyber Crime: आनलाइन के साथ अब आफलाइन गैंग भी हैं सक्रिय, पढें E- Fraud से बचने के उपाय

Cyber Crime आनलाइन शातिर लाेगों को लालच देकर जाल में फांस खातों से निकाल रहे रकम। आफलाइन गैंग एटीएम केबिन में कार्ड बदलकर 30 से ज्यादा लोगों के खाते से निकाल चुका है रकम। कुछ चीजों का ध्यान रखकर आनलाइन और आफलाइन शातिरों से बचा जा सकता है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Mon, 02 Nov 2020 03:19 PM (IST) Updated:Mon, 02 Nov 2020 03:19 PM (IST)
Cyber Crime: आनलाइन के साथ अब आफलाइन गैंग भी हैं सक्रिय, पढें E- Fraud से बचने के उपाय
कुछ चीजों का ध्यान रखकर आनलाइन और आफलाइन शातिरों से बचा जा सकता है।

आगरा, जागरण संवाददाता। केस एक: शाहगंज सराय ख्वाजा क्षेत्र निवासी मोहम्मद यूनिस परवेज तीन सितंबर को खेरिया मोड़ स्थित बैंक के एटीएम से रुपये निकालने गए थे। वहां दो युवक पहले से मौजूद थे। यूनिस एटीएम में कार्ड स्वैप करके पासवर्ड डालने लगे। इस बीच युवक उनके पीछे आकर खड़े हो गए। एक ने र्बैलेंस इन्क्वारी का ऑप्शन बटन दबा दिया। उन्होने विरोध किया तो युवक ने उलझा लिया। इसी दौरान उसके साथी ने उनका कार्ड स्वैप मशीन से निकालने के बाद उसमें अपना कार्ड लगा दिया। सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि वह कुछ समझ नहीं सके। युवक एटीएम से उनका कार्ड लेकर चले गए। उनके मोबाइल पर कुछ देर के अंतराल में 50 हजार रुपये निकलने का मैसेज आया तो कार्ड बदले जाने का पता चला।

केस दो: कोटा निवासी लियाकत अपनी ससुराल सराय ख्वाजा आए हुए थे। उनके साथ 25 अक्टूबर को इसी तरह की घटना हुई। वह खेरिया मोड़ स्थित एटीएम से कैश निकालने गए थे। एटीएम कार्ड को कार्ड स्वैप किया, दो युवक पहले से अंदर खड़े थे। उनका पिन देख लिया। युवकों ने उन्हें बातों में उलझा लिया कि उनका एटीएम कार्ड काम नहीं कर रहा है  इस बीच उसके साथी ने एटीएम कार्ड मशीन से निकाला और बाहर चला गया। लियाकत ने मशीन से अपना एटीएम कार्ड गायब देखा। युवकों को पकड़ने बाहर की ओर आए तब तक वह बाइक से भाग चुके थे। शातिरों ने 15 मिनट बाद ही उनके खाते से दस-दस हजार करके 90 हजार रुपये निकाल लिए।

लोगों के खातों से उनकी जमा पूंजी को निकालने के लिए आनलाइन गैंग के साथ ही अब आफलान गैग भी सक्रिय हैं। आनलाइन शातिर कई सौ किलोमीटर दूर बैठकर लोगों के खातेां से रकम निकालने के रोज नए तरीके अपना रहे हैं। वहीं आफलाइन गैंग के सदस्य लोगों के एटीएम कार्ड बदलकर उनके खातों से रकम निकाल रहे हैं। गैंग के सदस्य एटीएम के अंदर या बाहर पहले से खड़े होते हैं। रकम निकालने आए कार्ड धारक को अपने जाल में फांस उसका एटीएम कार्ड बदल देते हैं या फिर उसे लेकर भाग जाते हैं। इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर के दौरान एटीएम कार्ड बदलकर रकम निकालने की 50 से ज्यादा घटनाओं शिकायत साइबर सेल के पास आयीं। रेंज साइबर सेल के प्रभारी शैलेश कुमार सिंह कुछ चीजों का ध्यान रखकर आनलाइन और आफलाइन शातिरों से बचा जा सकता है।

ई-फ्राड से बचाव

-जब कभी भी आनलाइन शापिंग या इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करें तो लागइन पेज पर उपलब्ध कराए गए वर्चुअल की बोर्ड के माध्यम से ही लागइन करें। ऐसा करने से बहुत से खतरों से स्वत: बच जाते हैं।

- आनलाइन शापिंग, बैंकिंग, ऐसे कंप्यूटर, लैपटाप, मोबाइल से करें जिसमें एंटी वायरस उपलब्ध हो।

- अपना बैंकिंग पासवर्ड किसी से भी साझा न करें ।क्योंकि कई बार पारिवारिक सदस्यों के माध्यम से अन्य लोग फ्राड करने का प्रयास करते हैं।

- कभी अपना बैंक का या क्रेडिट कार्ड का विवरण किसी भी व्यक्ति को फोन, मैसेज या ईमेल पर साझा न करें ।क्योंकि बैंक कभी आपके बैंक संबंधी विवरण नहीं मांगता।

- जब कभी अपना क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड शापिंग के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे अपनी आंखों के सामने स्वैप कराएं या करने दीजिए।

-अपने क्रेडिट कार्ड और एटीएम कार्ड के पीछे लिखे सीवीवी कोड को इरेज कर दीजिए और उसे हमेशा याद रखिए।

-अपने एटीएम कार्ड के पीछे निर्धारित स्धान पर हस्ताक्षर जरूर करें । ऐसा करने पर यदि आपके साथ कोई धोखाधड़ी होती है तो धोखाधड़ी किए जाने के स्थान/वेंडर की भी जिम्मेदारी होगी ।

एटीएम काउंटर पर रहें सावधान

-अपनी एटीएम ट्रांजिक्शन स्लिप कभी भी कूड़ेदान में नहीं डालें ।-एटीएम आपरेट करते समय कोई अन्य व्यक्ति आपके पास मौजूद न हो।

-बहुत बार मदद करने के नाम पर लोग शोल्डर सर्फिंग के माध्यम से आपके कार्ड की महत्वपूर्ण सूचनाएं देख लेते हैं। बाद में उसका दुरुपयोग कर सकते हैं।

-एटीएम में किसी व्यक्ति की मदद न लें, क्योंकि मदद के दाैरान हाथ की सफाई से आपका कार्ड बदला जा सकता है। इसे कार्ड स्वैपिंग कहा जाता है।

-एटीएम मशीन के लाग आउट होने के बाद ही वहां से हटें । 

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