बालिका को 'हाथी पांव', स्वास्थ्य विभाग में मची खलबली, प्रशासन की लापरवाही

- स्कूलों में किए गए सर्वे में 12 साल की बालिका में फाइलेरिया की पुष्टि - प्रारंभिक अवस्था में बीमारी का चला पता, शुरू किया गया इलाज

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 08:00 AM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 08:00 AM (IST)
बालिका को 'हाथी पांव', स्वास्थ्य विभाग में मची खलबली, प्रशासन की लापरवाही
बालिका को 'हाथी पांव', स्वास्थ्य विभाग में मची खलबली, प्रशासन की लापरवाही

आगरा: बालिका में हाथी पांव (फाइलेरिया) की पुष्टि से स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची हुई है। यह बीमारी मच्छर के काटने से फैलती है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्कूलों में कराए गए सर्वे में बालिका में फाइलेरिया का प्रारंभिक अवस्था में पता चल गया है। यह बीमारी दवाओं से ठीक हो सकती है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा 30 जूनियर हाई स्कूलों में फाइलेरिया के लिए 15 से 17 नवंबर तक सर्वे कराया। इसमें 547 छात्र-छात्राओं के सैंपल लिए गए, इस बीमारी की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई किट से जांच की गई। इन सैंपल में से सिकंदरा क्षेत्र के स्कूल में पढ़ रही 12 साल की बालिका में फाइलेरिया एंटीजन पॉजिटिव मिला है। जिला मलेरिया अधिकारी आरके दीक्षित ने बताया कि 547 में से 488 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं, 58 सैंपल में तकनीकी गड़बड़ी के कारण जांच नहीं हो सकी। 12 साल की बालिका में फाइलेरिया एंटीजन पॉजिटिव आया है। यह प्रारंभिक अवस्था में पता चल गया है, बालिका में कोई लक्षण नहीं है। यह दवाओं से ठीक हो जाता है। काउंसिलिंग में सामने आया है कि बालिका इटावा में रिश्तेदारी में गई थी, वहा से ही संक्रमण फैलने की आशंका है। मच्छर से फैलती है बीमारी, हाथ और पैर में सूजन

फाइलेरिया को हाथी पांव कहा जाता है, इसमें हाथ और पांव सहित अन्य अंगों में सूजन आ जाती है। यह बीमारी फ्यूलेक्स और मैनसोनाइडिस मच्छर के काटने से फैलती है, ये मच्छर स्वस्थ बच्चों में धागे के आकार का परजीवी छोड़ देते हैं। पांच से छह साल में फाइलेरिओडी परजीवी अपनी संख्या बढ़ाने लगता है और हाथ, पैर के बाद शरीर के अन्य अंगों में सूजन आने लगती है।

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