Cyber Crime: साइबर गैंग ने कई राज्यों के 21 बैंकों मे खोल रखे थे खाते, आगरा में 12 और लोगों ने की शिकायत

मध्य प्रदेश के रायगढ़ जिले की पुलिस ने खाते खुलवाने में मददगार बैंक मैनेजर को किया गिरफ्तार। प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर दर्जनों लोगों से की थी ठगी। पुलिस के अनुसार गैंग के खिलाफ उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी मुकदमे दर्ज हैं।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Mon, 26 Apr 2021 10:58 AM (IST) Updated:Mon, 26 Apr 2021 05:43 PM (IST)
Cyber Crime: साइबर गैंग ने कई राज्यों के 21 बैंकों मे खोल रखे थे खाते, आगरा में 12 और लोगों ने की शिकायत
आगरा पुलिस ने कई राज्‍यों में धोखाधड़ी करने वाले साइबर गैंग के सदस्‍यों को गिरफ्तार किया है। प्रतीकात्‍मक चित्र

आगरा, जागरण संवाददाता। रेंज साइबर थाने की छानबीन में सामने आया है कि गिरफ्तार साइबर गैंग के सदस्यों ने 21 विभिन्न बैंकाें में अपने खाते खोल रखे थे। आरोपितों ने पुलिस को बताया था कि प्रधानमंत्री आवास योजना में कम धनराशि जमा कराई जाती थी। इसलिए उन्होंने अलग-अलग बैंकों में खाते खोले थे। यह खाते कुलदीप ठाकुर और लव भारती के नाम से खोले गए थे। रेंज साइबर थाने की पुलिस के अनुसार गैंग के खाते खुलवाने में मदद करने के आरोपित आइडीएफसी बैंक के मैनेजर प्रतीक और उसके साथी सौरभ को रायगढ़ (मध्य प्रदेश) पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन्होंने विकास तिवारी का खाता खुलवाने में मदद की थी। पुलिस के अनुसार गैंग के खिलाफ उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी मुकदमे दर्ज हैं।

वहीं, साइबर गैंग की गिरफ्तारी की जानकारी होने पर ठगी के शिकार अन्य लोग भी सामने आ रहे हैं। रेंज साइबर थाने में 12 और पीड़ितों ने अपनी शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने इन्हें मुकदमे की विवेचना में शामिल कर लिया है। वहीं, गैंग द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर भी बड़ी संख्या में लोगों से ठगी की गई थी। पुलिस ने शनिवार को शेयर मार्केट में निवेश, बीमा पालिसी, नौकरी व ऋण दिलाने समेत अन्य तरीकों से ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया था।

गिरोह ने पूछताछ में बताया कि वह प्रधानमंत्री आवास योजना में लोगों को मकान दिलाने का भी झांसा देकर ठगी करते थे। मकान मिलने के लालच में लोग आसानी से आ जाते थे। वह विभिन्न जिलों और राज्याें के दर्जनों लोगों से ठगी कर चुके थे। रेंज साइबर थाने की पुलिस ने शनिवार को गिरोह के सरगना विकास तिवारी, उमेश उपाध्याय निवासी दिल्ली, अंशुल अग्रवाल, सनातन और अमित कुमार निवासी गाजियाबाद, कुलदीप ठाकुर निवासी बुलंदशहर और सुहेल मंसूरी निवासी नोएडा को गिरफ्तार किया था।

इससे पहले वह गाजियाबाद निवासी सुनील उसके भाई सचिन, विजय प्रकाश अग्रवाल और शिशिर निवासी मथुरा को जेल भेज चुकी है।पुलिस के अनुसार विकास तिवारी ने गैंग के सदस्यों को अलग-अलग काम दिया था। सुहेल मंसूरी को प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर ठगी करने काम दिया गया था। इसके साथ ही वह फर्जी नाम-पते से सिम लेकर बाकी सदस्यों को देता था। आवास योजना पर के नाम पर ठगी करने के लिए वह सरकारी वेबसाइट से लोगों का डाटा लेता था।

हादसे का शिकार हो गई थी पुलिस टीम

साइबर गैंग को लेकर शनिवार को आगरा आ रही पुलिस टीम हादसे का शिकार हो गई थी। पुलिस टीम सात आरोपितों को दो गाड़ियों में लेकर आ रही थी। स्कार्पियो गाड़ी में एसआइ चेतन भारद्वाज के साथ आरोपित उमेेश और विकास बैठे थे।जबकि दूसरी गाड़ी में पांच आरोपित और पुलिस टीम थी। मथुरा के मांट क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस वे पर स्कार्पियो का टायर फटने से वह पलट गई थी। इसमें तीन पुलिसकर्मी और आरोपित घायल हो गए थे। दूसरी गाड़ी में साथ चल रही पुलिस टीम ने सभी घायलों का प्राथमिक उपचार कराया था।

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