Murderous Attack in Agra: सराफा कमेटी के अध्यक्ष पर जानलेवा हमले के आरोपित बरी

Murderous Attack in Agra पुलिस की लापरवाही से हुए बरी बरामद हथियार जांच को नहीं भेजा फोरेंसिक लैब। विवेचक ने पहले बताया 32 बोर से गोली चलना बयान में बताया तमंचा। एमजी रोड पर अंजना सिनेमा के पास बाइक सवार हमलावरों ने उन्हें गोली मारकर घायल कर दिया था।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Tue, 15 Dec 2020 05:35 PM (IST) Updated:Tue, 15 Dec 2020 05:35 PM (IST)
Murderous Attack in Agra: सराफा कमेटी के अध्यक्ष पर जानलेवा हमले के आरोपित बरी
मामले में सराफा कमेटी के सचिव राजकुमार जैन ने हरीपर्वत थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।

आगरा, जागरण संवाददाता। सराफा कमेटी के अध्यक्ष आनंद अग्रवाल की हत्या के प्रयास के चर्चित मामले के पांच आरोपित अदालत से बरी हो गए। आरोपितों को पुलिस द्वारा विवेचना में बरती गई लापरवाही और गवाहों के बयान में विराेधाभास का लाभ मिला।

घटना 16 सितंबर 2012 की है। श्री सराफा कमेटी के अध्यक्ष आनंद अग्रवाल अपनी दुकान किनारी बाजार से एक्टिवा पर रात सवा नौ बजे घर अवागढ़ हाउस लौट रहे थे। एमजी रोड पर अंजना सिनेमा के पास बाइक सवार हमलावरों ने उन्हें गोली मारकर घायल कर दिया था। मामले में सराफा कमेटी के सचिव राजकुमार जैन ने हरीपर्वत थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।

पुलिस ने जानलेवा हमले का पर्दाफाश करते हुए विनय वर्मा उर्फ बिल्लू वर्मा निवासी सेब का बाजार कोतवाली, अमित उर्फ मोनू निवासी जगदीशपुरा, राहुल निवासी फतेहपुर सीकरी, नीरज चौरसिया निवासी नमक की मंडी, ब्रजेश शर्मा निवासी आवास विकास कालोनी सेक्टर चार को गिरफ्तार किया था। अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में वादी राजकुमार जैन, घायल सराफ आनंद अग्रवाल और विवेचक ललित कुमार एवं अस्पताल के रिकार्ड कीपर रंजीत कुमार को ही अदालत में पेश किया।

विवेचक ने मुकदमे के विचारण के दौरान घायल से आरोपितों की शिनाख्त नहीं कराई। बरामद हथियारों को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भी नहीं भेजा। जिन डाक्टरों ने सराफा कारोबारी का इलाज किया, उन्हें भी गवाही के लिए अदालत में पेश नहीं किया। विवेचक ने 32 बोर की रिवाल्वर से गोली चलना बताया था ।जबकि बयान में अमित उर्फ मोनू से 315 बोर का तमंचा बरामद होना बताया।

अदालत ने आदेश में कहा कि बदमाशों द्वारा चलाई गोली से आनंद अग्रवाल को प्राण घात्क चोटें आईं। जिससे उनकी मृत्यु हो सकती थी। मगर, अक्षम एवं लचर विवेचना तथा संदिग्ध एवं विरोधाभासी बयानों के चलते घटना में शामिल आरोपितों के खिलाफ अभियोग साबित करने में अभियोजन पक्ष पूरी तरह विफल रहा। अदालत ने पुलिस की लापरवाही एवं साक्ष्य के अभाव विरोधाभास पर सभी आरोपितों को बरी करने के आदेश दिए।

अस्पताल में 97 दिन भर्ती रहे थे सर्राफ

गोली लगने के बाद सराफा कारोबारी को दिल्ली गेट स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां से कुछ देर बाद ही उन्हें गुरुग्राम के असपताल रेफर कर दिया गया। आनंद अग्रवाल दिल्ली और गुरुग्राम के अस्पताल में 97 दिन भर्ती रहे थे। 

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