Bus Blast Case: जवानी से आ गया बुढ़ापा, 23 साल में हटा माथे से आतंकी का ठप्‍पा Agra News

ताजनगरी के रईस बेग की हुई रिहाई। जयपुर की जेल में काटी सजा। अदालत ने साक्ष्‍यों के अभाव में किया बरी।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Thu, 25 Jul 2019 08:10 PM (IST) Updated:Thu, 25 Jul 2019 09:35 PM (IST)
Bus Blast Case: जवानी से आ गया बुढ़ापा, 23 साल में हटा माथे से आतंकी का ठप्‍पा Agra News
Bus Blast Case: जवानी से आ गया बुढ़ापा, 23 साल में हटा माथे से आतंकी का ठप्‍पा Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। जेल की सलाखों के पीछे बंद रहकर जवानी से बुढ़ापा आ गया, यह साबित करने में कि वह आतंकी नहीं है। ताजनगरी का रईस बेग जयपुर की जेल से 23 साल बाद रिहा होकर अपने घर लौट आया है। उसे बीकानेर के पास हुए बस ब्‍लास्‍ट के मामले में 1996 में गिरफ्तार किया गया था। आतंकी होने के शक में रईस के साथ 12 लोग गिरफ्तार किए गए थे। इनमें से कुछ जम्‍मू कश्‍मीर के थे। अदालत में इन लोगों का आपस में कनेक्‍शन साबित नहीं हो पाया। ना ही इस बात के साक्ष्‍य मिले कि धमाके में ये लोग शामिल थे।

मामला 22 मई, 1996 का है, जब जयपुर-आगरा राजमार्ग पर दौसा में समलेटी गांव के पास एक बस में बम विस्फोट हुआ था। इसमें 14 लोग मारे गए थे और 37 अन्य घायल हो गए थे। बस आगरा से बीकानेर जा रही थी। यह विस्फोट दिल्ली में लाजपत नगर बम विस्फोट के एक दिन बाद हुआ था, जिसमें 13 लोग मारे गए थे।

इसके बाद ताजनगरी के रईस बेग को आतंकवादी होने के आरोप से 23 साल की उम्र में गिरफ्तार किया गया था। वह यहां दर्जी की दुकान चलाता था। जयपुर की जेल में उसने क़रीब 23 साल तक कैद काटी। आतंकी होने के दाग़ की वज़ह से अपनों ने ही उससे रिश्‍ता तोड़ दिया था। उच्‍च न्‍यायालय राजस्‍थान में चल रहे केस में मंगलवार को रईस को बेगुनाह बताते हुए बरी कर दिया। 56 साल के हो चुके रईस के घर लौटने पर उनसे मिलने के लिए रिश्तेदारों का तांता लगा है।

कुल 12 लोग थे आरोपित

बस धमाके के मामले में 12 लोग आरोपित थे। इससे पहले छह लोगों को बरी किया जा चुका है। छह को मंगलवार को बरी कर दिया गया है। न्यायमूर्ति सबीना और न्यायमूर्ति गोवर्धन बरदार की उच्च न्यायालय की पीठ ने यह फैसला सुनाया।

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