एडीए की लापरवाही ने खोले जोधा द ग्रेट के द्वार
जागरण संवाददाता, आगरा: एडीए की लापरवाही ने शहर के एक और होटल को अभयदान दे दिया। ठीक तरीके से पैरवी न
जागरण संवाददाता, आगरा: एडीए की लापरवाही ने शहर के एक और होटल को अभयदान दे दिया। ठीक तरीके से पैरवी न करने और अवमानना के डर से एडीए ने गुपचुप जोधा द ग्रेट की सील खोल दी। मजबूत बैकग्राउंड न होने पर सुप्रीम कोर्ट में विकास प्राधिकरण की याचिका खारिज हो गई है।
सपा शासनकाल में नियमों को दरकिनार कर गुरुद्वारा गुरु का ताल के ठीक सामने जोधा द ग्रेट बनाया गया था। महज 50 मीटर की दूरी पर संरक्षित स्मारक पत्थर घोड़ा है, लेकिन इसके बाद भी एडीए ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की। सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. राम गोपाल ने होटल का उद्घाटन किया था। होटल बनने के बाद एडीए टीम ने फिटनेस क्लब में इसे कम्पाउंड कर दिया था। भाजपा सरकार बनने के बाद पांच मई 2017 को इसे सील कर दिया गया। इसके विरोध में होटल संचालक भूपेंद्र यादव ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस एसडी सिंह की बेंच ने सुनवाई की। डबल बेंच ने स्टे दे दिया, लेकिन इसकी कॉपी होटल संचालक को नौ जून को मिली। कोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए। सूत्रों के अनुसार एडीए ने हाईकोर्ट में शपथपत्र तो दाखिल किया, लेकिन केस की ठीक तरीके से पैरवी नहीं की। अवमानना के डर से अधिकारियों ने सील खोलने का निर्णय ले लिया। इसकी फाइल बनाकर डीएम गौरव दयाल के पास भेज दी गई। डीएम के आदेश पर मंगलवार शाम गुपचुप तरीके से एडीए टीम होटल पहुंची और सील खोल दी।
वहीं, एडीए ने हाईकोर्ट के स्टे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन मजबूत बैंक ग्राउंड न होने के चलते इसे अदालत ने खारिज कर दिया। इससे एडीए की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
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गलत तरीके से की कम्मपाउंडिंग
जोधा द ग्रेट का सराय एक्ट में रजिस्ट्रेशन है, इसके बाद भी एडीए टीम ने इसे हेल्थ क्लब में कम्पाउंड कर दिया था। संरक्षित स्मारक के पास होने से यहां निर्माण कार्य ही नहीं हो सकता था, लेकिन उप सचिव सुनीता यादव, इंजीनियर धर्मवीर सिंह चौहान और पंकज शर्मा ने किस तरीके से कम्पाउंड कर दिया। अभी तक अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
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- कोर्ट की अवमानना के डर से फिलहाल जोधा द ग्रेट की सील खोल दी गई है। केस की पैरवी की जा रही है।
गौरव दयाल, डीएम
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