न तुम मंदिर के रहे न मजार के

जागरण संवाददाता, आगरा: पाच सौ के नोट ने हजार के नोट से कहा कि सुन वे हजार के, तुम तो न मंदिर के रहे

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Apr 2017 10:03 PM (IST) Updated:Sat, 22 Apr 2017 10:03 PM (IST)
न तुम मंदिर के रहे न मजार के
न तुम मंदिर के रहे न मजार के

जागरण संवाददाता, आगरा: पाच सौ के नोट ने हजार के नोट से कहा कि सुन वे हजार के, तुम तो न मंदिर के रहे और न मजार के।

हास्य कवि हरेश चतुर्वेदी की नोटबंदी पर और हास्य कवि पवन आगरी की लालबत्ती पर ये पंक्तियां सोने का भाव अब न तोला, ना माशा, ना रत्ती है, जिसके गले में लाल गमछा, उसके पास लालबत्ती है। जब मिडनाइट बाजार में गूंजी तो श्रोता ठहाके लगाए बिना नहीं रह सके। मौका था आराधना संस्था द्वारा शनिवार को कोठी मीना बाजार में आयोजित रचनाकार सम्मान और काव्य समारोह का। कार्यक्रम में11 नवोदित रचनाकारों का संस्था की तरफ से सम्मान भी किया गया। यह सम्मान प्रख्यात टीवी न्यूज एंकर अनुराग मुस्कान, संस्थाध्यक्ष पवन आगरी और महासचिव डॉ. हृदेश चौधरी ने प्रदान किया।

मुख्य अतिथि अनुराग मुस्कान ने कहा कि जिस तरह से आराधना संस्था ने युवा रचनाकारों की आराधना की है, वह काबिले तारीफ है। अध्यक्षता वरिष्ठ कवि हरेश चतुर्वेदी ने और संचालन आराधना लेखिका मंच की अध्यक्ष डॉ हृदेश चौधरी ने किया।

इस अवसर पर विशिष्ट सम्मान से विभूषित डॉ. अनुज त्यागी और नवोदित सम्मान से नवाजे गए 11 रचनाकार राकेश निर्मल, संजीव बेदी उन्मुक्त, पदम गौतम, डॉ यशोयश, सचिन दीक्षित, कुंवर प्रताप सिसोदिया, सुधाशु साहिल, हिमाशु अग्रवाल, विपिन चौहान मन, मनोज कुमार मंजुल और सौरभ अग्रवाल ने अपने काव्य पाठ से समा बाध दिया। इस दौरान भावना वरदान, संजय बैजल, रोहित कत्याल, संजय मिश्रा, अनीता गुप्ता, अंजलि स्वरूप, रश्मि गुप्ता, अर्चना सिंघल, अलका अग्रवाल, कुसुम रावत, दीप्ति भार्गव, प्रेमलता मिश्र, अनिता गौतम आदि ने रचनाकारों का उत्साहवर्धन किया। रावी इवेंट के निदेशक मनीष अग्रवाल और मेला संयोजक पीपी सिंह ने आभार जताया।

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