प्रतिबंधित दवाओं की मंडी बना आगरा

जागरण संवाददाता, आगरा: आगरा नारकोटिक्स दवाओं की अवैध बिक्री की मंडी बन गया है। यहां से पड़ोसी राज्यों

By Edited By: Publish:Tue, 30 Aug 2016 01:23 AM (IST) Updated:Tue, 30 Aug 2016 01:23 AM (IST)
प्रतिबंधित दवाओं की मंडी बना आगरा

जागरण संवाददाता, आगरा: आगरा नारकोटिक्स दवाओं की अवैध बिक्री की मंडी बन गया है। यहां से पड़ोसी राज्यों में दवाओं की बिक्री की जा रही है। सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो ने इस संबंध में औषधि विभाग को जानकारी दी है। जिसके बाद विभाग जांच में जुटा है।

सामान्य नींद की टेबलेट से लेकर अन्य नारकोटिक्स व साइकोट्रॉपिक ड्रग्स की बिक्री के लिए सख्त नियम हैं। दवाओं के गलत इस्तेमाल की रोकथाम के लिए थोक विक्रेताओं से लेकर मेडिकल स्टोर संचालक को दवाओं की बिक्री का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य है। मेडिकल स्टोर संचालक को मरीज के पर्चे की फोटोकॉपी दो साल के लिए सुरक्षित रखने के निर्देश हैं। मगर, ऐसा नहीं हो रहा है। इसके चलते मेडिकल स्टोर संचालक बिल से नारकोटिक्स दवाएं नहीं बेच रहे हैं। वे थोक बाजार से भी बिना बिल की दवाएं खरीद रहे हैं। ये दवाएं मेडिकल स्टोर से बिना पर्चे के बिक रही हैं।

सूत्रों को मुताबिक नारकोटिक्स ब्यूरो को भी इस खेल भी भनक लगी है। जिसके बाद अन्य राज्यों को होने वाली सप्लाई की निगरानी रखी जा रही है। सहायक औषधि आयुक्त पीके मोदी ने बताया कि नारकोटिक्स दवाओं की बिक्री बिना डॉक्टर के पर्चे से नहीं बिक सकती है। इस मामले की जांच कराई जा रही है और छापामार कार्रवाई की जाएगी।

करोड़ों का है कारोबार

नारकोटिक्स ड्रग्स का करोड़ों का कारोबार है। फव्वारा दवा मार्केट से सुबह दिल्ली, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में प्रतिबंधित दवाएं भेजी जा रही हैं। इन्हें ट्रांसपोर्टर के माध्यम से भेजा जा रहा है। इससे दवाओं के रेट भी लगातार बढ़ रहे हैं, प्रतिबंधित दवाओं को मेडिकल स्टोरों से एमआरपी से अधिक रेट पर बेचा जा रहा है।

लाइसेंस निरस्त करने का है प्रावधान

डॉक्टर के पर्चे के बिना प्रतिबंधित दवाओं बिक्री करने पर लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान है। मगर, स्थानीय स्तर पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे दवा का काला कारोबार बढ़ता जा रहा है।

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