नीट की उलझन से तनाव में अभ्यर्थी

जागरण संवाददाता, आगरा: मेडिकल में प्रवेश के लिए एकल परीक्षा की उलझन ने अभ्यर्थियों को तनाव दे दिया ह

By Edited By: Publish:Sun, 01 May 2016 01:00 AM (IST) Updated:Sun, 01 May 2016 01:00 AM (IST)
नीट की उलझन से तनाव में अभ्यर्थी

जागरण संवाददाता, आगरा: मेडिकल में प्रवेश के लिए एकल परीक्षा की उलझन ने अभ्यर्थियों को तनाव दे दिया है। वे नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) दो चरणों में होने से परेशान हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि इसे अगले सत्र से लागू किया जाना चाहिए था। इस बार से ही लागू करना था, तो नीट एक ही होना चाहिए। दो चरणों में नीट ने असमंजस में डाल दिया है। आल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआइपीएमटी) और स्टेट के प्री मेडिकल टेस्ट से एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश लिया जाता है। 28 अप्रैल को सीबीएसई के नीट एक और नीट टू कराने के शेड्यूल को भी मंजूरी दे दी। नीट एक की परीक्षा एक मई को है, इसमें एआइपीएमटी से आवेदन करने वाले अभ्यर्थी शामिल हो सकेंगे। जिन अभ्यर्थियों ने एआइपीएमटी से आवेदन नहीं किया हैं, उन्हें एक मौका दिया जा रहा है। नीट टू की परीक्षा 24 जुलाई को होगी। परीक्षा से तीन दिन पहले आए फैसले के बाद तमाम अभ्यर्थी नीट एक के बजाए नीट दो देना चाहते हैं।

बलूनी क्लासेज के डॉ. ललितेश यादव ने बताया कि सीबीएसई की वेबसाइट पर शनिवार को नीट एक में अनुपस्थित को नीट टू में शामिल न करने संबंधी नोटिस अपलोड किया है। इससे अभ्यर्थी परेशान हैं।

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परीक्षा से तीन दिन पहले आए फैसले ने असमंजस में डाल दिया है, इसे अगले सत्र से लागू किया जाना चाहिए था।

हर्ष कुमार

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दो चरणों के बजाय एक चरण में परीक्षा होनी चाहिए, दोनों परीक्षाओं में 84 दिन का अंतर है।

नरेंद्र सिंह

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मेडिकल प्रवेश के लिए एक ही परीक्षा होनी चाहिए, लेकिन यह फैसला परीक्षा से ठीक पहले आया है, जो सही नहीं है।

अंजनि मुंडपी

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