राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों का बहुआयामी व्यक्तिव

By Edited By: Publish:Fri, 25 Jul 2014 11:19 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jul 2014 11:19 PM (IST)
राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों का बहुआयामी व्यक्तिव

जागरण संवाददाता, आगरा: आज देश अनेक परिस्थितियों में फंसा हुआ है। जिसके मूल में छिपा हुआ है शिक्षक धर्म। इतिहास बताता है कि सामाजिक परिवर्तन शिक्षकों द्वारा ही किया जाता है।

शुक्रवार को लंगड़े की चौकी स्थित ज्ञान ज्योति विद्या मंदिर में ज्ञान ज्योति शिक्षा समिति के तत्वावधान में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय था राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों का बहुआयामी व्यक्तित्व।

गोष्ठी की अध्यक्षता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रानी सरोज गौरिहार ने की। मुख्य वक्ता शिक्षाविद् डॉ. एमपी गुप्ता ने कहा कि आज समाज में हर ओर नैतिक, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, अध्यात्मिक आदि मूल्यों की गिरावट आ रही है। उसका मुख्य कारण विद्यालय व सामाजिक शिक्षकों कि क‌र्त्तव्य के प्रति उदासीनता है। इस के फलस्वरूप मानवता के क्षेत्र में गिरावट दिखाई दे रही है।

मुख्य अतिथि पूर्व महापौर बेबी रानी मौर्य, विशिष्ट अतिथि यादवेंद्र प्रताप सिंह रहे। कार्यक्रम में शशिकांत अवस्थी, डॉ.शिखा दीक्षित, डॉ.योजना मिश्र, छवि गुप्ता, सपना पवार आदि ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन कमलकांत पाराशर ने व धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य मनीष सक्सेना ने किया।

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