Asian Games: पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने बोपन्ना और शरण को किया चीयर, पेश की मिसाल

एशियन गेम्स में रोहन बोपन्ना और और दिविज शरण की जोड़ी ने टेनिस में पुरुष डबल्स का स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

By Pradeep SehgalEdited By: Publish:Sat, 25 Aug 2018 12:41 PM (IST) Updated:Sun, 26 Aug 2018 10:45 AM (IST)
Asian Games: पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने बोपन्ना और शरण को किया चीयर, पेश की मिसाल
Asian Games: पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने बोपन्ना और शरण को किया चीयर, पेश की मिसाल

जकार्ता, जेएनएन। भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते कितने तल्ख हैं ये सभी को पता है। बॉर्डर पर आए दिन गोलीबारी होती रहती है। इन दोनों पड़ोसी देश के बीच तनाव का माहौल है, लेकिन एक जगह है जहां ये तनाव, ये तकरार और ये नफरत बदल जाती है और प्यार, दोस्ती और समर्थन की शक्ल ले लेती है और वो जगह है खेल का मैदान। ऐसा ही कुछ देखने को मिला शुक्रवार को एशियन गेम्स के दौरान। 

पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने किया चीयर

एशियन गेम्स में रोहन बोपन्ना और और दिविज शरण की जोड़ी ने टेनिस में पुरुष डबल्स का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। जब इन दोनों खिलाड़ियों को मैच चल रहा था, तब कुछ ऐसा देखने को मिला जो अममून देखने को नहीं मिलता। बोपन्ना और और दिविज जब सोना जीतने के लिए पसीना बहाते हुए कड़ी मेहनत कर रहे थे तब पाकिस्तानी खिलाड़ी इन दोनों भारतीयों का उत्साह बढ़ाते हुए दिखाई दिए। पाकिस्तान के टेनिस खिलाड़ियों ने बोपन्ना और दिविज की जोड़ी को मैदान पर उनका मैच देखते हुए चीयर किया। ऐसा दृश्य बहुत कम ही देखने को मिलता है जब पाकिस्तान के खिलाड़ी भारतीय खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाएं। 

इन पाकिस्तानी खिलाड़ियों में एसाम-उल-हक कुरेशी भी मौजूद रहे। एसाम-उल-हक कुरेशी 2010 में रोहन बोपन्ना के जोड़ीदार थे और ये दोनों खिलाड़ी उस समय एक  ग्रैंड स्लैम फाइनल में भी पहुंचे थे। इन दोनों की जोड़ी को 'पीस एक्सप्रेस' कहा जाता था। क्योंकि दोनों खिलाड़ी दोनों देशों के बीच शांति की जरूरत पर हमेशा जोर देते थे।

पाकिस्तान के खिलाड़ी बोपन्ना के साथ तस्वीर खिंचाने के लिए कतार में खड़े थे। 2000 से 2010 के बीच कई आईटीएफ फ्यूचर्स टूर्नामेंट जीतने वाले पाकिस्तान के टेनिस खिलाड़़ी अकील खान ने कहा, ‘मैंने भारत में अपना कुछ सर्वश्रेष्ठ टेनिस खेला है, वहां खासकर दिल्ली में कई अच्छे दोस्त बनाए। मैं उनसे हमेशा संपर्क में रहता हूं। मैं जब भी दिल्ली में खेला, मुझे वह अपना दूसरा घर लगा।’

बोपन्ना और दिविज ने ऐसे जीता सोना 

शीर्ष वरीयता प्राप्त भारत के रोहन बोपन्ना और दिविज शरण की जोड़ी ने टेनिस में पुरुष डबल्स का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। भारतीय जोड़ी ने खिताबी मुकाबले में कजाखिस्तान के एलेक्जेंडर बुबलिक और डेनिस येवसेव की जोड़ी को सीधे सेटों में 6-3, 6-4 से मात दी। 52 मिनट तक चले इस मुकाबले में बोपन्ना और शरण की जोड़ी ने बेहतरीन तालमेल का परिचय दिया जिसकी बदौलत खेल के 20 मिनट के अंदर भारतीय जोड़ी 4-1 की बढ़त पर थी और आसानी से पहला सेट अपने नाम किया।

इसके बाद दूसरे सेट में कजाखिस्तानी खिलाडि़यों ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन उनकी गलतियों ने उन्हें मुकाबले में वापसी नहीं करने दिया। इस दौरान उन्होंने पांचवें गेम में डबल फॉल्ट भी किया जो कि उनपर भारी पड़ा। बुबलिक और येवसेव ने नेट्स पर कई गलतियां की जिसका फायदा उठाकर भारतीय जोड़ी ने ऐतिहासिक स्वर्ण अपनी झोली में डाला।

2014 में भारत के साकेत मायनेनी और सनम सिंह की जोड़ी को पुरुष डबल्स के फाइनल में हार मिली थी और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा था।भारतीय पुरुष डबल्स जोड़ी की यह सुनहरी सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि देश के दिग्गज टेनिस स्टार लिएंडर पेस ने आखिरी समय में एशियन गेम्स से हटने का फैसला किया था। इसके बाद भारतीय टेनिस टीम को डबल्स की जोड़ी बनाने और रणनीतियों को दोबारा तैयार करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।

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