क्या होती है Virtual RAM ? स्मार्टफोन पर कैसे करती है यह तकनीक काम, जानें यहां सबकुछ
वर्चुअल रैम (Virtual RAM) इस समय चर्चा का विषय बन गई है। सभी के मन यह जानने की उत्सुक्ता है कि वर्चुअल रैम क्या है और यह कैसे काम करती है। तो आज हम आपको यहां बताएंगे कि वर्चुअल रैम क्या होती है और यह कैसे काम करती है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। What is Virtual RAM: पिछले कई दिनों से वर्चुअल रैम (Virtual RAM) की चर्चा हो रही है। हाल ही में वीवो (Vivo) ने वीवो एक्स 60 सीरीज (Vivo X60 Series) के वीवो एक्स 60 (Vivo X60), वीवो एक्स 60 प्रो (Vivo X60 Pro) और वीवो एक्स 60 प्रो प्लस (Vivo X60 Pro+) स्मार्टफोन को लॉन्च किया था, जिसमें 3GB वर्चुअल रैम दी गई। वहीं, वनप्लस ने भी अपने अपकमिंग स्मार्टफोन में इस तरह की तकनीक देने का दावा किया है। ऐसे में आपके मन में सवाल उठता होगा वर्चुअल रैम (Virtual RAM) क्या है और यह कैसे काम करती है। यह तकनीक कितनी उपयोगी है। आइए जानते हैं...
क्या है Virtual RAM
वर्चुअल रैम वर्चुअल मेमोरी जैसी एक कॉन्टेप्ट है, जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर में किया जाता है। इस तकनीक की मदद से टेम्परेरी मेमोरी यानी रैम को इंटरनल फ्लैश स्टोरेज की मदद से बढ़ाया जा सकता है। यह एक बेसिक मेमोरी मैनेजमेंट है, जहां सेकेंडरी मेमोरी का इस्तेमाल मेन मेमोरी की तरह किया जाता है। वीवो एक्स 60 सीरीज के डिवाइस की बात करें तो इसकी वर्चुअल रैम UFS 3.1 इंटरनल स्टोरेज में से 3GB तक का स्पेस लेकर ऐप्स स्टोर करती है। कंपनी का दावा है कि इस तकनीक के माध्यम से 20 मोबाइल ऐप तक को बैकग्राउंड में चलाया जा सकेगा।
ऐसे काम करती है Virtual RAM
वर्चुअल रैम वर्चुअल मेमोरी की तरह काम करती है। यह तकनीक डिवाइस की इंटरनल मेमोरी का इस्तेमाल करके रैम की क्षमता को बढ़ा देती है। लेकिन इस तकनीक से स्मार्टफोन की 8GB रैम को 11GB में तबदील नहीं किया जा सकेगा। इंटरनल स्टोरेज से लिया गया स्पेस 8GB रैम को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है।
वीवो का कहना है कि वर्चुअल रैम अल्गोरिथम पर आधारित है। यह तकनीक इंटरनल स्टोरेज से कुछ स्पेस लेकर रैम को सुचारू रूप से काम करने में मदद करती है और रैम की परफॉर्मेंस को कई गुना बढ़ा देती है। साथ ही इससे रैम की स्टोरेज क्षमता भी बढ़ जाती है।
कितनी उपयोगी है Virtual RAM
वर्चुअल रैम वास्तव में स्मार्टफोन में फिजिकल रैम मॉड्यूल के काम को कम नहीं करती है, लेकिन रैम को तेजी से काम करने में मदद करती है। वर्चुअल रैम के एक्टिव होने पर स्मार्टफोन के अधिकतर मोबाइल ऐप बैकग्राउंड में मौजूद रहते हैं, ताकि यूजर्स झट से इन ऐप को ओपन कर सके। इसस समय की बचत होती है। साथ ही यूजर्स का स्मार्टफोन चलाने का अनुभव बेहतर होता है। आसान शब्दों में कहें तो वर्चुअल रैम बहुत उपयोगी है और इससे डिवाइस तेजी से काम करता है।