Android के बिना कितना अधूरा होता आपका स्मार्टफोन! कब और कैसे हुई इस ऑपरेटिंग सिस्टम की शुरुआत

What Is Android गूगल के एंड्रॉइड फोन का इस्तेमाल अधिकतर यूजर करते हैं। बहुत से यूजर्स को इस टर्म की जानकारी ही नहीं होती। एंड्रॉइड का मतलब बहुत से यूजर्स गूगल के हार्डवेयर सिस्टम से समझते हैं। (फोटो- जागरण)

By Shivani KotnalaEdited By: Publish:Wed, 10 May 2023 06:30 PM (IST) Updated:Wed, 10 May 2023 07:44 PM (IST)
Android के बिना कितना अधूरा होता आपका स्मार्टफोन! कब और कैसे हुई इस ऑपरेटिंग सिस्टम की शुरुआत
What Is Android Google Operating System, Pic Courtesy- Jagran Graphics

नई दिल्ली, टेक डेस्क। एंड्रॉइड का नाम आने पर एक यूजर के जेहन में स्मार्टफोन से लेकर स्मार्टवॉच और टीवी तक का ख्याल आ सकता है। एक आम यूजर एंड्रॉइड का मतलब गूगल से समझता है। यह एपल के आईओएस से अलग भी समझा जा सकता है, लेकिन इन सब बातों के अलावा, आखिर एंड्रॉइड का क्या मतलब है?

इस आर्टिकल में एंड्रॉइड को लेकर ही बात करने जा रहे हैं। इस आर्टिकल में एंड्रॉइड के इतिहास और इससे जुड़ी खास बातों का जिक्र करेंगे...

क्या है एंड्रॉइड

किसी डिवाइस का इस्तेमाल करने के लिए असल में एक ऑपरेटिंग सिस्टम की ही भूमिका होती है। फोन का इस्तेमाल कर जीपीएस द्वारा ट्रैफिक के रास्तों को न चुनने से लेकर वॉच में टेक्स्ट टाइप करने और स्मार्ट असिस्टेंट डिवाइस द्वारा सवालों के जवाब पाने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम काम करता है।

आसान भाषा में समझें तो किसी डिवाइस को वर्किंग कंडिशन में लाने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम काम करता है। यह डिवाइस के भीतर रह कर डिवाइस को वर्किंग बनाता है।

एंड्रॉइड को डेवलपर्स, डिजाइनर और डिवाइस मेकर के लिए पेश किया गया है। यानी एंड्रॉइड की मदद से डेवलपर्स, डिजाइनर और डिवाइस मेकर अपने एक्सपेरिमेंट्स और नए आईडिया को क्रिएट कर अप्लाई कर सकते हैं। गूगल की यह पेशकश यूजर्स के लिए डिवाइस का इस्तेमाल आसन बनाने के साथ सिक्योरिटी और प्राइवेसी को बनाए रखने में खास है।

एंड्रॉइड गूगल का ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह लाइनेक्स-बेस्ड सिस्टम है। शुरुआती दौर में यह स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए ही लाया गया था। वर्तमान में यह स्मार्टफोन, टैबलेट, स्मार्टवॉच, एंड्रॉइड ऑटो और टीवी के लिए भी काम करता है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम भारत ही नहीं, दुनिया भर में 2.5 बिलियन एक्टिव डिवाइस के लिए काम कर रहा है।

इतिहास

एंड्रॉइड के इतिहास पर एक नजर डालें तो पाते हैं कि इस ऑपरेटिंग सिस्टम की शुरुआत Android Inc नाम की स्टार्टअप कंपनी ने साल 2003 में की थी। हालांकि, उस दौरान यह कंपनी इसको डिजिटल कैमरा के लिए ला रही थी।

गूगल ने साल 2005 में करीब 50 मिलियन डॉलर में इस कंपनी को खरीद लिया और इसे मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम की तर्ज पर स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए पेश किया।

गूगल ने अपने ऑपरेटिंग सिस्टम का पहला बीटा वजर्न साल 2007 में रिलीज किया था। ठीक एक साल बाद यानी साल 2008 में कंपनी ने एंड्रॉइड का पहला कमर्शियल वर्जन Android 1.0 रिलीज किया। गूगल जिस समय एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम को डेवलप कर रही थी, ठीक उसी समय साल 2007 में ही एपल ने पहले आईफोन को यूजर्स के लिए पेश किया।

फिजिकल कीबोर्ड से टचस्क्रीन तक का सफर

एंड्रॉइड को रन करने के लिए पहला कमर्शियल स्मार्टफोन HTC Dream था। यह फोन QWERTY की-बोर्ड के साथ लाया गया था।पहले एंड्रॉइड फोन को ब्लैकबेरी के फोन की तरह ही फिजिकल की-बोर्ड के साथ लाया जाता था, वहीं एपल आईफोन के टचस्क्रीन डिवाइस आने के बाद एंड्रॉइड डिवाइस को भी टचस्क्रीन बना दिया गया।

समय के साथ नए बदलावों और सुधारों के साथ एंड्रॉइड के अलग-अलग वर्जन को रिलीज किया गया। एंड्रॉइड का लेटेस्ट वर्जन Android 13 है। गूगल ने Android 13 16 अगस्त 2022 को रिलीज किया था।

एंड्रॉइड के फीचर्स

एंड्रॉइड के फीचर्स की बात करें तो यह कनेक्टिविटी, स्टोरेज और आसान-लुभावने यूजर इंटरफेस जैसे कई फीचर्स के साथ पेश किया जाता है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर को बेसिक स्क्रीन प्रोवाइड करती है।

कनेक्टिविटी की बात करें तो यूजर को GSM/EDGE, IDEN, CDMA, EV-DO, UMTS, Bluetooth, Wi-Fi, LTE, NFC और WiMAX जैसी टेक्नोलॉजी मिलती है। स्टोरेज के लिए सिस्टम में SQLite, लाइटवेट डेटा बेस की सुविधा मिलती है। एंड्रॉइड में मीडिया सपोर्ट के लिए H.263, H.264, MPEG-4 SP, AMR, AMR-WB, AAC, HE-AAC, AAC 5.1, MP3, MIDI, Ogg Vorbis, WAV, JPEG, PNG, GIF की सुविधा मिलती है।

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