भारतीय यूजर्स जल्दी नहीं खरीदेंगे नए स्मार्टफोन्स! जानें क्या है इसके पीछे की वजह
Counterpoint रिसर्च में सामने आया है कि स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां लॉकडाउन और वैश्विक मंदी का पूरा प्रभाव समझ नहीं पा रही हैं। फोटो साभार Oppo
नई दिल्ली, आइएएनएस। स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां लॉकडाउन और वैश्विक मंदी का पूरा प्रभाव समझ नहीं पा रही हैं जिससे उन्हें कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यूजर्स किसी नई डिवाइस पर पैसा खर्च करने से बेहतर घर का सामान या दैनिक तौर पर इस्तेमाल होने वाली चीजों को खरीदने या स्टॉक करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। स्मार्टफोन बिक्री के आंकड़ों की बात करें तो भारतीय मार्केट में स्मार्टफोन का प्रोडक्शन पहले से 40 फीसद कम हो गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि लॉकडाउन के चलते ऑनलाइन और ऑफलाइन बिक्री बंद हैं और कंपनियों के कारखाने भी बंद हैं।
Counterpoint रिसर्च के डायरेक्टर पीटर रिचर्डसन ने कहा, "हमारा निष्कर्ष है कि हम एक शार्प कॉन्ट्रेक्शन यानी तेज संकुचन देखने की उम्मीद कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यूजर्स किसी भी अनिश्चितता के दौरान सोच समझकर खरीददारी करते हैं।" हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह एक्सटेंशन 6 महीने से ज्यादा का नहीं है। वहीं, भारतीय मार्केट में लॉन्च होने वाली नई डिवाइसेज पर भी प्रभाव दिखाई दे रहा है। क्योंकि इन डिवाइसेज में लगने वाले कंपोनेंट्स चीन से आते हैं और वहां के कारखाने को धीरे-धीरे दोबारा शुरू किया जा रहा है। सप्लाई चेन पर पड़ा रहा नेगेटिव प्रभाव वर्ष दूसरी तिमाही के आखिरी तक रहने की उम्मीद है।
रिचर्डसन ने आगे कहा कि अगर लंबे समय के हिसाब से देखा जाए तो हम आगे उम्मीद करते हैं कि औसत बाजार विकास दर में बहुत ज्यादा भिन्नता नहीं होगी। लेकिन अगर हाल ही के परिपेक्ष्य के हिसाब से देखा जाए तो ग्रोथ रेट में कुछ मंदी देखी जा सकती है। देखा जाए तो पिछले कुछ वर्षों में भारतीय निर्माण में तेजी देखने को मिली है। लेकिन अब भी भारत कई कंपोनेंट्स को लेकर चीन पर निर्भर है।
Counterpoint रिसर्च के असोसिएट डायरेक्टर तरुण पाठक ने कहा, “इस समय ओरिजनल इक्यूपमेंट्स मैन्यूफैक्चर्रर्स के लिए नए स्मार्टफोन्स लॉन्च नहीं कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ वो रिटेलर्स को भी मदद कर रहे हैं।” साथ ही कहा कि पार्टनर्स की मदद करने के लिए सरकार और OEM’s का प्रयास बेहद जरूरी है।