Vastu Tips For Home: नया घर बना रहे हैं, ये पांच वास्तुदोष न रह जाएं, जांच लें

Vastu Tips For Home नया घर बनाते वक्त हम उसकी सुन्दरता से लेकर मजबूती तक हर छोटी-बड़ी हर चीज का ध्यान रखते हैं। ऐसे में घर तो सुंदर बन जाता है लेकिन अगर आपके घर में जाने-अनजाने में वास्तु दोष रह गए तो जीवन से सुन्दरता गायब हो सकती है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 10 Nov 2020 10:00 AM (IST) Updated:Tue, 10 Nov 2020 10:00 AM (IST)
Vastu Tips For Home: नया घर बना रहे हैं, ये पांच वास्तुदोष न रह जाएं, जांच लें
Vastu Tips For Home: नया घर बना रहे हैं, ये पांच वास्तुदोष न रह जाएं, जांच लें

Vastu Tips For Home: नया घर बनाते वक्त हम उसकी सुन्दरता से लेकर उसकी मजबूती तक हर छोटी-बड़ी हर चीज का ध्यान रखते हैं। ऐसे में आपका घर तो सुंदर बन जाता है लेकिन अगर आपके घर में जाने-अनजाने में कुछ बड़े वास्तु दोष रह गए तो जीवन से सुन्दरता गायब हो सकती है। इसलिए अगर आप नया घर बनाने जा रहे हैं तो यह बहुत जरुरी हो जाता है कि आप वास्तु के कुछ बेहद महत्वपूर्ण सिद्धांतों का ध्यान रखें और विशेष तौर पर इन पांच वास्तु दोषों से बचें। जानते हैं वास्तुकार संजय कुड़ी से इन्हीं पाच दोषों के बारे में।

उत्तर व पूर्व दिशा का अधिक भारी होना-

घर बनाते वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि आप किस दिशा में मुख्य निर्माण करा रहे है और किस दिशा को अधिक खुला छोड़ रहे है। गौरतलब है कि उत्तर व पूर्व दिशा का अधिक भारी होना एक वास्तु दोष होता है।

अतः प्राकृतिक उर्जाओं के सकारात्मक व नकारात्मक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए वास्तु के अनुसार घर की दक्षिण व पश्चिम दिशा में ही मुख्य निर्माण कराना चाहिए और उत्तर व पूर्व दिशा को तुलनात्मक रूप से अधिक खुला रखना चाहिए। ऐसा करने पर घर में उत्तर-पूर्व दिशा की सकारात्मक उर्जाओं का संतुलित प्रवाह निरन्तर बना रहता है और आपके लिए बहुत फलदायक सिद्ध होता है।

उत्तर-पूर्व दिशा में टॉयलेट का निर्माण-

टॉयलेट के निर्माण के लिए दिशा को चुनते वक्त बहुत सावधानी रखने की आवश्यकता है। क्योंकि गलत दिशा में इसका निर्माण बहुत नुकसानदायक माना जाता है। विशेष तौर पर उत्तर-पूर्व दिशा में टॉयलेट का निर्माण किसी भी हालत में नहीं करना चाहिए। यहाँ पर बना टॉयलेट व्यक्ति के स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति दोनों पर ही बहुत नकारात्मक प्रभाव डालता है।

टॉयलेट का निर्माण करने के लिए आप पूर्वी आग्नेय, दक्षिणी नैऋत्य या पश्चिमी वायव्य का चुनाव कर सकते है।

दक्षिण-पश्चिम दिशा का बढ़ना या कटना-

सामन्यतया घर में किसी भी दिशा का बढ़ना या कटना शुभ नहीं माना जाता है। लेकिन इनमे भी दक्षिण-पश्चिम दिशा का बढ़ना या कटना एक बड़ा वास्तु दोष होता है जिसके प्रतिकूल परिणाम प्राप्त होते है। अतः घर बनाते वक्त इस बात का ख्याल रखे कि दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर इस प्रकार का निर्माण न कराये जिससे कि यह दिशा सामान्य से अधिक बढ़ जाए या कट जाए।

गलत स्थान पर मुख्य द्वार का निर्माण-

मुख्य द्वार के जरिये ही ब्रह्मांडीय उर्जाओं का आपके घर में प्रवेश होता है। अगर यह गलत स्थान पर है तो आपके घर में नकारात्मक उर्जाओं के प्रवाह में वृद्धि हो जाती है। जिसका असर आपकी निजी व व्यावसायिक जिंदगी दोनों पर पड़ता है। वास्तु में मुख्य द्वार का निर्माण दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम या पश्चिमी वायव्य में होना वास्तु दोष उत्पन्न करता है। अतः इससे बचे।

जल तत्व की गलत स्थान पर उपस्थिति-

जल के महत्त्व से हम सभी अच्छी तरह से परिचित है। वास्तु में भी जल तत्व का अहम स्थान है और इसकी उपस्थिति के लिए उत्तर व पूर्व दिशा को शुभ माना जाता है। वही दक्षिण-पूर्व दिशा में इसकी उपस्थिति महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष तौर पर प्रतिकूल असर करती है। इसके अलावा दक्षिण-पश्चिम में भी जल तत्व का होना उचित नहीं माना जाता है। अतः अंडरग्राउंड वाटर टैंक और बोरवेल इत्यादि का निर्माण इन दिशाओं में न करें।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। ' 

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