आत्मविश्वास घातक भी हो सकता है

आजकल जिसे देखिए वही इस कोशिश में लगा है कि आत्मविश्वास कैसे पाया या बढ़ाया जाए, वो भी जीवन की प्रक्रिया को समझे बिना। लेकिन

By Jagran News NetworkEdited By: Publish:Mon, 25 Aug 2014 04:06 PM (IST) Updated:Mon, 25 Aug 2014 05:12 PM (IST)
आत्मविश्वास घातक भी हो सकता है
आत्मविश्वास घातक भी हो सकता है

प्रश्‍न: सद्‌गुरु, अगर हम अपने आत्मविश्वास और योग्यता को बढ़ाना चाहते हैं तो हमें अपने व्यवसाय या कार्यक्षेत्र में कुछ खास लक्ष्य हासिल करने की जरुरत होती है, जो कि हमें बहुत व्यस्त कर देता है। ऐसे में आत्मज्ञान या आत्मबोध के लिए वक्त कैसे निकाला जाए?

सद्‌गुरु:
सबसे पहले तो आत्मबोध के बारे में आपका या किसी और का जो विचार है उसे स्पष्ट कर लें। क्या आपके पास टेलीविजन है? क्या आप कैमरे का इस्तेमाल करते हैं? आपके पास जीवन में जो भी उपकरण हैं, जितना आप उनके बारे में जानते हैं, आपको उन्हें इस्तेमाल करने में उतनी ही आसानी होती है। अगर आप एक ऐसे इंसान को कैमरा दे दीजिए, जो इसके इस्तेमाल के बारे में कुछ नहीं जानता हो, तो वह शायद इसे ऑन भी नहीं कर पाएगा। लेकिन अगर यही कैमरा आप किसी ऐसे व्यक्ति को देते हैं, जो उसके बारे में अच्छी तरह जानता है, तो वह उसी कैमरे से एक जादुई संसार रच देगा। एक ऐसा संसार कि लोग उसे देखने के लिए घंटों अंधेरे में बैठना पसंद करेंगे।

आत्मबोध या आत्मानुभूति का मतलब महज ‘अपने आप’ को जानना है। ऐसे में यह आपके व्यवसाय या आपके कामकाज का विरोधी कैसे हो सकता है? कल अगर आप मेरे साथ ड्राइव पर चलें, तो मैं आपको दिखा सकता हूं कि हम कार के साथ क्या-क्या कर सकते हैं। किसी चीज के बारे में आप जितना ज्यादा जानते हैं, उसका इस्तेमाल आप उतना ही बेहतर तरीके से कर सकते हैं। यह बात जीवन में हमारे द्वारा किए जाने वाले हर काम के साथ अगर लागू होती है, तो क्या यह खुद हमारे साथ लागू नहीं होगी? आप खुद के बारे में भी जितना ज्यादा जानेंगे, उतना ही बेहतर आप अपना इस्तेमाल कर पाएंगे। इसलिए ऐसा बिल्कुल मत सोचिए कि आत्मबोध सिर्फ हिमालय की कंदराओं में होता है। यह वहां भी होता है, लेकिन मैं चाहता हूं कि आत्मबोध को आप अपने संदर्भ में देखें।
आत्मबोध या आत्मानुभूति का मतलब महज ‘अपने आप’ को जानना है। ऐसे में यह आपके व्यवसाय या आपके कामकाज का विरोधी कैसे हो सकता है? आप अपने जीवन में जो भी करना चाहते हैं, यह उसके खिलाफ कैसे हो सकता है? मैं आपसे पूछता हूं कि आप अपने बारे में जाने बिना एक प्रभावशाली जीवन कैसे जी सकते हैं? आज लोग एक दूसरे को समझा रहे हैं कि आत्मविश्वास कैसे पाया जाए, वो भी जीवन की प्रक्रिया को समझे बिना। लेकिन स्पष्टता के बिना आत्मविश्वास बेहद घातक है। पिछले दिनों पूरी दुनिया आर्थिकमंदी के दौर से गुजरी है, जिसकी शुरुआत अमेरिका से हुई। इसकी शुरुआत के पीछे अमेरिकी लोगों का बिना स्पष्टता के अति-आत्मविश्वास ही असली वजह था।

जीवन में आत्मविश्वास नहीं स्पष्टता की जरूरत है
अफसोस की बात है कि हम सोचते हैं कि आत्मविश्वास, स्पष्टता का विकल्प है। मान लीजिए हम आपकी आंखों पर पट्टी बांध कर आपसे चलने के लिए कहते हैं। अगर आप समझदार हैं तो आप अपना रास्ता महसूस करने की कोशिश करेंगे, दीवारों को छूते हुए आसपास की चीजों का हाथ व पैरों से स्पर्श करते हुए चलेंगे। लेकिन आप अगर आत्मविश्वास से भरे हैं और बिना देखे चलते हैं, उस स्थिति में रास्ते का पत्थर आप पर किसी तरह की करुणा नहीं दिखाने वाला। इसी तरह जिंदगी भी कभी आपके प्रति दयालु नहीं होगी अगर आप स्पष्टता के बिना आत्मविश्वास से भरे हैं। दुनिया में आप जो भी काम कर रहे हैं, उसमें सफलता पाने के लिए या फिर जीवन में चीजों को बेहतर ढंग से करने के लिए इंसान को आत्मविश्वास की नहीं, बल्कि स्पष्टता की जरूरत होती है।

साभार: सद्गुरु (ईशा हिंदी ब्लॉग)

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