चातुर्मास लगने से अगले चार महीने विवाह व कोई भी शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे

5 जुलाई से देवशयनी एकादशी से देव सो जाएंगे। चातुर्मास में शादी-ब्याह, उपनयन संस्कार, मुंडन संस्कार आदि सभी मांगलिक कार्य ये सभी वर्जित हैं ।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 30 Jun 2016 11:18 AM (IST) Updated:Fri, 01 Jul 2016 10:57 AM (IST)
चातुर्मास लगने से अगले चार महीने विवाह व कोई भी शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे

भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के अगले दिन 7 जुलाई से विवाह शुरू होंगे। सात दिन विवाह मुहूर्त के बाद 15 जुलाई से देवशयनी एकादशी से देव सो जाएंगे। इसके साथ ही चातुर्मास लगने से अगले चार महीने विवाह नहीं होंगे। यानी जुलाई में सिर्फ सात दिन ही शहनाई की गूंज सुनाई देगी।

गुरु और शुक्र के अस्त होने के कारण बीते दो माह से अधिक समय से शादियों के मुहूर्त नहीं थे। सात से 14 जुलाई के बीच शादी के मुहूर्त हैं। इसके बाद 15 जुलाई से 10 नवंबर तक एक भी विवाह के मुहूर्त नहीं है।

कुछ पंडितोंों के अनुसार, इस बार जुलाई में सात और 13 तारीख का ही मुहूर्त है। 15 जुलाई के बाद चातुर्मास लगने से चार माह तक शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे। बहरहाल, अलग-अलग पंचांगों में मतांतर होने के कारण तारीखों में यह भिन्नता दिख रही है। सात और 13 तारीख के मुहूर्त को लेकर कई पंडितों की राय एक ही है।

11 नवंबर को देव उठनी एकादशी से भगवान के जागने के साथ ही विवाह के मुहूर्त फिर एक महीने तक बनेंगे। इस अवधि में लोग सिर्फ भगवान के भजन-कीर्तन कर सकेंगे। चातुर्मास में शादी-ब्याह, उपनयन संस्कार, मुंडन संस्कार आदि सभी मांगलिक कार्य ये सभी वर्जित हैं ।

मुहूर्त न बने तो करें 13 जुलाई को शादी

कुछ पंडितोंों ने बताया कि 13 जुलाई को को भड़ला नवमी तिथि आएगी। इसे शादी के लिए अक्षय तृतीया के बराबर अबूझ मुहूर्त माना जाता है। यदि जुलाई में आपकी शादी का कोई मुहूर्त नहीं बन रहा हो, तो 13 जुलाई को शादी की जा सकती है।

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