हनुमानजी के नाम के पीछे क्‍या है कारण

हनुमानजी के अन्य नाम बजरंगबली, मारुति, अंजनि सुत, पवनपुत्र, संकटमोचन, केसरीनन्दन, महावीर, कपीश, बालाजी नाम भी हैं।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 10 Apr 2017 01:07 PM (IST) Updated:Mon, 10 Apr 2017 01:13 PM (IST)
हनुमानजी के नाम के पीछे क्‍या है कारण
हनुमानजी के नाम के पीछे क्‍या है कारण

 चैत्र माह की शुक्ल पूर्णिमा हनुमान जयंती मनाई जाती है, लेकिन महर्षि वाल्मिकी रचित रामायण में अलग तथ्‍य हैं, जिसके अनुसार हनुमान जी का जन्‍म कार्तिक मास की कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी को मंगलवार के दिन, स्‍वाति नक्षत्र और मेष लग्‍न में हुआ था।

जो कि दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली नरक चतुर्दशी या रूप चतुर्दशी के दिन आता है। इस तरह हनुमान जी के जन्‍म के बारे में दो अलग दिन होने की वजह से ही हनुमान जयंती भी वर्ष में दो बार मनाई जाती है।

हनुमानजी की मां अंजना और पिता केसरी थे। उन्हें पवनपुत्र भी कहा जाता है। एक बार जब हनुमानजी ने बचपन में सूर्य को अपने मुंह में रख लिया तो इंद्र देव ने उनके हनु(घुटने की कोहनी) में वज्र से प्रहार किया तभी से उन्हें हनुमान नाम से संबोधित किया जाने लगा।

हनुमानजी के अन्य नाम बजरंगबली, मारुति, अंजनि सुत, पवनपुत्र, संकटमोचन, केसरीनन्दन, महावीर, कपीश, बालाजी नाम भी हैं। हिंदू पौराणिक शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवताओं में से एक हैं। कलयुग में हनुमानजी भक्तों की सभी मनोकामनाएं तुरंत ही पूर्ण करते हैं।

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