सूर्य को हिंदू पौराणिक ग्रंथो में देवपुरुष माना गया है

सूर्य को हिंदू पौराणिक ग्रंथो में देवपुरुष माना गया है। लेकिन सूर्य का ज्योतिष और आयुर्वेद में भी उल्लेख मिलता है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2016 03:27 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2016 03:39 PM (IST)
सूर्य को हिंदू पौराणिक ग्रंथो में देवपुरुष माना गया है

सूर्य को हिंदू पौराणिक ग्रंथो में देवपुरुष माना गया है। लेकिन सूर्य का ज्योतिष और आयुर्वेद में भी उल्लेख मिलता है। अमूमन लोगों की कुंडली में वो आप सूर्यकृत पीड़ा या रोगों से पीड़ित होते हैं ऐसे में वह जातक सूर्य तेल का उपयोग करें तो यह उनके लिए ब्रह्मास्त्र की तरह है। इसे घर पर भी बनाया जा सकता है। जिसकी एक आसान विधि है।

सूर्य तेल बनाने की विधि आयुर्वेद्शास्त्र में वर्णित है कि सूर्य तेल बनाने के लिए 200 ग्राम सूरजमुखी व 200 ग्राम तिल का तेल लें। अब इसमें 4 ग्राम लौंग व 8 ग्राम केशर मिलाएं। अब लाल रंग की कांच की बोतल में रखें। यदि कांच की लाल बोतल उपलब्ध न हो तब, सफेद रंग की बोतल में इस मिश्रिण को रखें और बोतल के सिरे को लाल कपड़े या लाल रंग के कागज से ढंक दें। इसे लगभग 15 दिनों तक सूर्य के प्रकाश में रखें। इस तरह सूर्य तेल बनकर तैयार हो जाएगा। इन रोगों में करें उपयोग यदि आप उच्च रक्तचाप या ह्दय रोग से पीड़ित हैं। तब पूरे शरीर पर सूर्य तेल की मालिश करने से लाभ मिलता है। छोटे बच्चों की मालिश करने सूर्य तेल से करने पर उन्हें विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में मिलता है। सूर्य तेल का नियमित उपयोग भी कर सकते हैं, इससे चेहरे पर निखार और कान्ति बढ़ती है। जिससे आप सुंदर दिखने के चाह को पूरा कर सकते हैं। कब करें उपयोग सूर्य तेल बन जाने के बाद इसका उपयोग रविवार से शुरू करें। प्रत्येक रविवार को इस सूर्य तेल के द्वारा शरीर पर मालिश करने से किसी भी तरह का सूर्यकृत रोग से मुक्ति मिलती है। यदि इसे रोज उपयोग में नहीं ला सकते हैं, तो सप्ताह में एक बार यानी रविवार को इस सूर्य तेल का उपयोग जरूर करें। आप सूर्य तेल का उपयोग महीने में एक बार सिर्फ रविवार के दिन भी कर सकते हैं। चूंकि रविवार सूर्य देव का दिन माना जाता है इसलिए इस तेल की महत्ता और बढ़ जाती है।

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