सोमनाथ के जल से देवाधिदेव का अभिषेक

सोमनाथ मंदिर से लाए गए पावन जल से शुक्रवार को देवाधिदेव बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया गया। आस्थावान सुबह से ही आरपी घाट पहुंचने लगे थे, जहां से हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली गई।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 30 May 2015 02:25 PM (IST) Updated:Sat, 30 May 2015 02:44 PM (IST)
सोमनाथ के जल से देवाधिदेव का अभिषेक

वाराणसी। सोमनाथ मंदिर से लाए गए पावन जल से शुक्रवार को देवाधिदेव बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया गया। आस्थावान सुबह से ही आरपी घाट पहुंचने लगे थे, जहां से हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली गई।

यह कलश यात्रा राजेंद्र प्रसाद घाट से शुरू होकर परंपरागत मार्गो से होते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पहुंची, जहां गर्भगृह में वेद मंत्रोच्चार के बीच सोमनाथ मंदिर से लाए गए जल से बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक किया गया। कलश यात्रा का यह सोलहवां वर्ष रहा। आयोजन समिति इसके पूर्व बारी-बारी से द्वादश ज्योतिर्लिगों से लाए गए जल से श्रीकाशी विश्वनाथ का जलाभिषेक कर चुकी है। यह क्रम वर्ष -2014 में पूरा हो गया था। इस वर्ष से यह क्रम पुन: दोहराया जा रहा है। इसी क्रम में सोमनाथ मंदिर के जल से अभिषेक किया गया। ज्येष्ठ मास की एकादशी पर प्रतिवर्ष ‘सुप्रभातम्’ की ओर से भव्य कलश यात्रा निकालने की परम्परा चली आ रही है।

इस क्रम में सुबह संस्था के ट्रस्टी उमाशंकर अग्रवाल के साथ सोमनाथ मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य भारद्वाज प्रभु प्रसाद दवे एवं प्रधान अर्चक ज्ञानी चितरंजन भाई, उद्यमी केशव जालान, पवन टिबरेवाल, हेमदेव अग्रवाल, राकेश तुलस्यान आदि आरपी घाट पहुंचे। वहां उपस्थित नर-नारियों ने हर-हर महादेव का उद्घोष कर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। कुछ ही देर में वहां से गंगाजल भरे 1008 कलश के साथ भव्य शोभायात्रा निकली। यह यात्रा गोदौलिया, बांसफाटक, ज्ञानवापी होकर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पहुंची। सर्वप्रथम सोमनाथ मंदिर से 11 रजत कलशों में भरकर लाए गए जल से बाबा का जलाभिषेक किया गया। तदन्तर एक-एक कर सभी श्रद्धालु नर-नारियों ने मंत्रोच्चार व श्लोक से अभिषेक किया।

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