मानव निर्मित गुफा में शिव की मूर्ति स्थापित

ऑस्ट्रेलिया में दुनिया के पहले मानव निर्मित गुफा मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति की स्थापना की गई। सफेद संगमरमर से बनी साढ़े चार मीटर ऊंची इस प्रतिमा को सिडनी के मिंटो उपनगर में स्थापित किया गया। भारतीय जहां जाते हैं कुछ नया तो करते ही हैं। अब ऑस्ट्रेलिया में सिडनी के उपनगर मिंटो का उदाहरण सामने है। वाराणसी से लाई

By Edited By: Publish:Tue, 02 Sep 2014 11:21 AM (IST) Updated:Tue, 02 Sep 2014 11:56 AM (IST)
मानव निर्मित गुफा में शिव की मूर्ति स्थापित

मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया में दुनिया के पहले मानव निर्मित गुफा मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति की स्थापना की गई। सफेद संगमरमर से बनी साढ़े चार मीटर ऊंची इस प्रतिमा को सिडनी के मिंटो उपनगर में स्थापित किया गया।

भारतीय जहां जाते हैं कुछ नया तो करते ही हैं। अब ऑस्ट्रेलिया में सिडनी के उपनगर मिंटो का उदाहरण सामने है। वाराणसी से लाई गई इस प्रतिमा को ¨हदू मंदिर 'मुक्ति गुप्तेश्वर' में स्थापित किया गया है। मंदिर सोसायटी के प्रमुख प्रेम मिश्रा ने कहा कि प्रतिमा लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी है। उन्होंने बताया कि यह मंदिर मानव द्वारा निर्मित अपनी तरह का पहला भूमिगत मंदिर है। इस भूमिगत मंदिर में 1,128 छोटे मंदिर हैं।

यहां मुक्ति गुप्तेश्वर मंदिर में वाराणसी से लाई गई शिव की यह प्रतिमा क्रेन की मदद से कांक्रिट की पीठिका पर रखी गई। मुक्ति गुप्तेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रेम मिश्रा ने बताया कि चार हाथों वाले शिव की यह प्रतिमा संगमरमर की एक चट्टान को काटकर बनाई गई है।

81 नदियों का पानी

जहां प्रतिमा स्थापित की गई है उस मंदिर के भीतर 1,128 छोटे-छोटे मंदिर हैं। मंदिर के गर्भगृह की दस मीटर की खोह में 20 लाख हस्तलिखित 'ओम नम: शिवाय' मंत्र लगाए गए हैं। दुनियाभर के श्रद्धालुओं ने ये मंत्र लिखे हैं। मिश्रा ने बताया कि इस मंदिर में 81 नदियों का पानी रखा गया है। इनमें ऑस्ट्रेलिया की नदियां और पांच समुद्रों का जल भी शामिल है।

सतरंगी नजारा

प्रतिमा के सामने सात रंगों की एलईडी लाइटें लगाई गई हैं जिससे हर मिनट में प्रतिमा का रंग बदलता रहता है। मिश्रा ने कहा कि मानव निर्मित गुफा में यह दुनिया का अपने किस्म का पहला मंदिर है।

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