क्या होगा इससे बेहतर वसंत....

हिमाचल प्रदेश के लिए इससे बेहतर वसंत और क्या होगा...! ज्ञान की देवी सरस्वती के जन्मदिवस पर इससे राहत देने वाली खबर और क्या हो सकती है...! नौ दिसंबर, 2014 की उदास सुबह को जिस रघुनाथ मंदिर में सुबकती हुईं महिलाओं के होंठ सुंदरकांड की चौपाइयां बुदबुदा रहे थे, 23

By Rajesh NiranjanEdited By: Publish:Sat, 24 Jan 2015 12:06 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jan 2015 12:07 PM (IST)
क्या होगा इससे बेहतर वसंत....

धर्मशाला, [नवनीत शर्मा]। हिमाचल प्रदेश के लिए इससे बेहतर वसंत और क्या होगा...! ज्ञान की देवी सरस्वती के जन्मदिवस पर इससे राहत देने वाली खबर और क्या हो सकती है...! नौ दिसंबर, 2014 की उदास सुबह को जिस रघुनाथ मंदिर में सुबकती हुईं महिलाओं के होंठ सुंदरकांड की चौपाइयां बुदबुदा रहे थे, 23 जनवरी की शाम को उसी मंदिर के आसपास आतिशबाजी की रोशनी थी। अब आज वसंतोत्सव पर कुल्लू के ढालपुर मैदान में निकलने वाली रथ यात्रा में सीता जी की त्रेता युगकालीन मूर्ति संग रघुनाथ जी की अंगूठी व अन्य औजार ही नहीं, स्वयं रघुनाथ भी उपस्थित होंगे।

बजौरा की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पास से मिले रघुनाथ जी जब करीब डेढ़ माह के बाद लौट आए हैं तो सबके लिए कुछ न कुछ लाए हैं। अपने मंदिर के लिए रौनक... हिमाचल प्रदेश पुलिस के लिए शाबाशी ...देश-प्रदेश की आस्था पर लगे जख्मों के लिए मरहम... और लाए हैं एक सबक मंदिरों की सुरक्षा के लिए। यह भी कि मंदिरों में तीसरी आंख का होना कितना जरूरी है।

यह संयोग नहीं, समझने का विषय है कि इस मूर्तिचोरी के सरगना के तार भी नेपाल से जुड़े हैं और शिमला में हाल में हुई हत्याओं के तार भी नेपाल से जुड़े हैं। यह समझा जा सकता है कि हिमाचल प्रदेश में अपराध की इबारतों में नेपाल शब्द क्यों बार-बार आ रहा है। पुलिस के लिए इसे एक बड़ी कामयाबी इसलिए माना जाना चाहिए क्योंकि हिमाचल प्रदेश में मूर्तियां चोरी के बाद उनके बरामद होने की दर बहुत निराशाजनक रही है।

इसी मामले में सरकार ने सूचना देने वाले को दस लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा की थी। अब अगर वह दस लाख मंदिर में क्लोज सर्किट टीवी कैमरा लगाने के काम आ जाएं तो शायद ऐसी नौबत फिर न आए। वैसे मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि जो मंदिर सरकार के अधीन नहीं हैं उनकी सुरक्षा का जिम्मा संबद्ध मंदिर समितियों का है। लेकिन रघुनाथ जी के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह का कहना है कि जिन मंदिरों में आय नहीं है, उनकी सुरक्षा सरकार को करनी चाहिए।

जो हो, अयोध्या के साथ चार सौ वर्ष पुराने संबंध का एक आधार लौट तो आया लेकिन धरोहर और अमूल्य कालखंड को सहेजने के लिए अब हिमाचल ने कितने सबक सीखे, इसे समय ही साबित करेगा।

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