Motivational Story: स्वयं लें अपना काम की जिम्मेदारी, दूसरों पर निर्भर रहना है गलत

Motivational Story जागरण आध्यात्म आपके लिए हर हफ्ते कोई न कोई प्रेरक कहानी लेकर आता है। हमारी कोशिश रहती है कि ये कहानियां पढ़कर आप जिंदगी में एक नई पहल कर पाएं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 01:25 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 01:25 PM (IST)
Motivational Story: स्वयं लें अपना काम की जिम्मेदारी, दूसरों पर निर्भर रहना है गलत
Motivational Story: स्वयं लें अपना काम की जिम्मेदारी, दूसरों पर निर्भर रहना है गलत

Motivational Story: जागरण आध्यात्म आपके लिए हर हफ्ते कोई न कोई प्रेरक कहानी लेकर आता है। हमारी कोशिश रहती है कि ये कहानियां पढ़कर आप जिंदगी में एक नई पहल कर पाएं। आज ही कहानी भी कुछ ऐसी ही है। आज की कहानी से आप यह सीख पाएंगे कि दूसरों की सहायता लेनी अच्छी बात है लेकिन अपना काम दूसरों पर टाल देना सही नहीं है। अपने काम की जिम्मेदारी खुद लेना बेहद जरूरी है। तो चलिए पढ़ते हैं चिड़िया और खेत की ये प्रेरक कहानी। 

एक गांव में एक किसान रहता था। उसका एक छोटा-सा खेत था। एक बार उसने अपने खेत में फसल बोई। उसके कुछ ही दिन बाद चिड़िया ने वहां अपना घोंसला बना लिया। कुछ समय बाद चिड़िया ने वहां दो अंड़े दे दिए। फिर कुन छ समय बाद उन अंडों में से दो छोटे-छोटे बच्चे बाहर आए। वे सभी खेत में ही अपना गुजारा करने लगे। कुछ समय बाद फसल कटने का समय आ गया। सभी किसान अपने-अपने खेत की फसल का काटने लगे। फसल कटने से उस चिड़िया और उसके बच्चे का वहां से अपना घोंसला छोड़ दूसरी जगह पर जाने का समय आ गया।

एक दिन किसान कह रहा था कि फसल काटने के लिए वो अपने पड़ोसी से पूछेगा और उसे खेत में भेजेगा। यह बात चिड़िया के बच्चे ने सुन ली। यह सुनकर वो सभी परेशान हो गए। जब उनकी मां वापस घोंसले में आई तो उन्होंने ये बात अपनी मां को बताई। उन्होंने कहा कि आज उनका यहां आखिरी दिन है। आज रात में ही हमें दूसरी जगह के लिए निकलना होगा। चिड़िया ने जवाब देते हुए कहा, “इतनी जल्दी नहीं। मुझे नहीं लगता की फसल की कटाई कल होगी।”

जैसा चिड़िया ने कहा था ठीक वैसा ही हुआ। अगले दिन किसान का पड़ोसी खेत में नहीं आया। इससे फसल नहीं कट सकी। फिर जब शाम को किसान खेत में आया तो खेत को देखकर कहने लगा, “पड़ोसी तो नहीं आया। कल अपने रिश्तेदार को भेज देता हूं।”

चिड़िया के बच्चों ने किसान की बातें फिर सुन ली। फिर से वो सभी परेशान हो गए। उन्होंने फिर ये बात अपनी मां को बताई। उनकी मां ने कहा, “तुम लोग चिंता मत करो। मुझे नहीं लगता कि किसान का रिश्तेदार आएगा। आज हमें याहं से जाने की जरुरत नहीं है।”

जैसा चिड़िया ने कहा था वैसा ही हुआ। किसान का रिश्तेदार खेत नहीं पहुंचा। यह सब देख चिड़िया के बच्चे हैरान हो गए। अगली शाम जब किसान खेत में आया तो खेत को ज्यों का त्यों देखर कहने लगा कि कहने के बाद भी कोई कटाई के लिए नहीं आता है। कल वो खुद की फसल की कटाई शुरू करेगा। ये बात भी चिड़िया के बच्चों ने सुन ली। ये बात जब बच्चों ने अपनी मां को बताई तो उसने कहा, “अब ये खेत छोड़ने का समय आ गया है। हम आज ही ये खेत छोड़कर दूसरी जगह चले जाएंगे।”

चिड़िया के बच्चे बड़ी हैरानी से अपनी मां की बात सुन रहे थे। उन्होंने सोचा कि आखिर ऐसी क्या वजह थी कि उनकी मां इस बार खेत छोड़ने को तैयार हो गई। यह बात जब उन्होंने अपनी मां से पूछी तो चिड़िया ने कहा, “बच्चों, पहली दो बार किसान फसल की कटाई के लिए दूसरों पर निर्भर था। वो दो बार से ही अपने काम से पल्ला झाड़ रहा था। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इस बार उसने फसल काटने की जिम्मेदारी खुद ली है। इसलिए वह जरूर आएगा।” इतना कहकर उसी रात बच्चे और उनकी मां उस खेत से उड़कर चले गए।

सीख: दूसरों की सहायता लेनी अच्छी बात है लेकिन अपना काम दूसरों पर टाल देना सही नहीं है। अपने काम की जिम्मेदारी स्वयं लें। इससे काम समय पर पूरा होगा और आपको दूसरों पर निर्भर नहीं रहना होगा। दूसरे भी उसी की मदद करते हैं जो खुद अपनी मदद करता है। 

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