केदारनाथ हेली सेवाओं का रूट बदलेगा!

केदारनाथ धाम में संचालित हो रही हेलीकाप्टर सेवाओं को अपना रूट बदलना पड़ सकता है। साथ ही, हेलीकाप्टर और अधिक ऊंचाई पर भी उड़ाने होंगे। बुधवार को नई दिल्ली में दोआब पर्यावरण समिति द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने उत्तराखंड सरकार को ये

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 03 Sep 2015 04:43 PM (IST) Updated:Thu, 03 Sep 2015 05:11 PM (IST)
केदारनाथ हेली सेवाओं का रूट बदलेगा!

देहरादून। केदारनाथ धाम में संचालित हो रही हेलीकाप्टर सेवाओं को अपना रूट बदलना पड़ सकता है। साथ ही, हेलीकाप्टर और अधिक ऊंचाई पर भी उड़ाने होंगे। बुधवार को नई दिल्ली में दोआब पर्यावरण समिति द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने उत्तराखंड सरकार को ये दो सुझाव दिए हैं। टिब्यूनल ने राज्य सरकार को केदारनाथ हेलीकाप्टर सेवाओं के संबंध में कोर्ट को सूचित करने के निर्देश भी दिए हैं।

दोआब पर्यावरण समिति की ओर से पूर्व में नेशनल ग्रीन टिब्यूनल में दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि उत्तराखंड में केदारनाथ धाम में संचालित हो रही हेली सेवाओं के लिए किसी भी एविएशन कंपनी द्वारा राज्य के वन विभाग से अनुमति नहीं ली गई है। समिति ने इन हेलीकाप्टर सेवाओं को अवैध भी बताया था। याचिका में कहा गया कि ये हेलीकाप्टर सेवाएं जमीन से काफी कम ऊंचाई पर संचालित की जाती हैं, जिसकी वजह से केदारनाथ वन्यजीव विहार के पारिस्थिकीय तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

कुछ दिन पूर्व नेशनल ग्रीन टिब्यूनल ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रलय से पूछा था कि क्यों न केदारनाथ हेलीकाप्टर सेवाओं को बंद किया जाए। टिब्यूनल की ओर से सुनवाई की अगली तिथि दो सितंबर तय की गई थी। बुधवार को टिब्यूनल में फिर से इस मामले में सुनवाई हुई, जिसमें एनजीटी ने उत्तराखंड सरकार को दो सुझाव भी दिए हैं। एनजीटी ने कहा कि केदारनाथ धाम में संचालित होने वाले हेली सेवाओं में हेलीकाप्टर कम ऊंचाई पर न उड़ाए जाएं। साथ ही, दूसरा रूट भी अपनाया जा सकता है।

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