शिष्टता विनम्रता का ही एक रूप है

शिष्टता मानव जीवन का सौंदर्य है। गहन स्वाध्याय, परम अनुशीलन कठोर साधना और विद्यानुराग से इसका सीधा तादात्म्य है। विपरीत परिस्थितियों में अपने अस्तित्व को बचाए रखना शिष्टता के कारण संभव हो पाता है। शिष्टता प्रतिभा का एक अंतर्निहित नैसर्गिक तत्व है। इसे संरक्षित करके भविष्य के लिए पोषक बनाना

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 11 May 2015 04:23 PM (IST) Updated:Mon, 11 May 2015 04:27 PM (IST)
शिष्टता विनम्रता का ही एक रूप है

शिष्टता मानव जीवन का सौंदर्य है। गहन स्वाध्याय, परम अनुशीलन कठोर साधना और विद्यानुराग से इसका सीधा तादात्म्य है। विपरीत परिस्थितियों में अपने अस्तित्व को बचाए रखना शिष्टता के कारण संभव हो पाता है। शिष्टता प्रतिभा का एक अंतर्निहित नैसर्गिक तत्व है। इसे संरक्षित करके भविष्य के लिए पोषक बनाना बार-बार के अभ्यास से आता है।

निंदा स्तुति की चिंता किए बिना शिष्टता अपने लक्ष्य को एकटक निहारती है। मूल्यांकन करने के लिए कठोर तप का संदर्भ मूल्यवान बनाता है। जो जितना अधिक श्रेष्ठ रहता है वह उतनी गहराई से पारदर्शिता की अनुभूति करता है। किसी के मन का वास्तविक अध्ययन करने के लिए अंतर्मन की दृष्टि, परोपकारी वृत्ति और सरलता ही मूल आधार होती है। निर्मल दर्पण में ही पारदर्शी स्वरूप दिखाई पड़ता है।

कवि भवभूति ने लिखा कि मेरी रचनाओं का उद्देश्य विद्वानों की सूची में सम्मिलित होना नहीं है। यह आवश्यक नहीं है कि मुङो श्रेष्ठ विद्वान जाने-पहचानें, परंतु ऐसा मुङो विश्वास अवश्य है कि मेरी तरह समान धर्मा जब भी भविष्य में कोई जन्म लेगा तो वह अवश्य मेरे साहित्य को कुछ समझने का सार्थक प्रयास करेगा। किसी के अनुसार परिश्रम का फल मनचाहे समय पर नहीं मिलता। इसके लिए एक नियत समय होता है। मनोवांछित समय में देर होने पर इच्छा से बड़े फल की संभावना बढ़ जाती है। फल प्राप्ति के लिए परम धैर्य धारण करना शिष्टता की श्रेणी में गिना जाता है। सम्यक नीर-क्षीर विवेक का मूल्यांकन करना वही जानते हैं जिनकी दृष्टि सत्य-न्याय से युक्त रहती है।

शिष्टता विनम्रता का ही एक रूप है, जो श्रेष्ठ विद्या प्रदान करती है। शिक्षा शिष्टता के लिए उतनी उपादेय नहीं है जितनी विद्या। जैसे-जैसे विद्या की शिष्टता जीवन को आत्मसात करने लगती है, वैसे-वैसे जीवन में चमक आती जाती है। असाधारण स्मरण शक्ति, बुद्धि की कुशाग्रता ही शिष्टता को तीक्ष्ण बनाती है। प्रेम और करुणा के बिना शिष्टता का स्थायित्व असंभव है। उच्चकोटि का व्यक्तित्व कोहिनूर जैसा तेज बिखेरता है। इस हीरे पर जिस रंग की रश्मि पड़ती है, उसे वह सौ गुना अधिक तेजी से प्रतिभासित करता है। अच्छे के साथ सभी लोग अच्छे रहते हैं, पर बुरे के साथ अच्छे बने रहने पर इतिहास रचा जाता है। सहनशीलता के कारण आने वाली अतिविशिष्टता एक दिन अद्भुत ऊंचाई देकर चकित कर देती है।

chat bot
आपका साथी