Aaj ka Panchang 27 February 2023: आज बन रहे हैं तीन अत्यंत शुभ योग, पढ़िए आज का पंचांग

Aaj ka Panchang 27 February 2023 हिन्दू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य को शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त तिथि और राहुकाल के विषय में देखा जाता है। आइए जानते हैं आज के दिन क्या है राहुकाल की अवधि और पूजा के लिए शुभ समय।

By Shantanoo MishraEdited By: Publish:Mon, 27 Feb 2023 06:30 AM (IST) Updated:Mon, 27 Feb 2023 06:30 AM (IST)
Aaj ka Panchang 27 February 2023: आज बन रहे हैं तीन अत्यंत शुभ योग, पढ़िए आज का पंचांग
Aaj ka Panchang 27 February 2023: पढ़िए आज का पंचांग।

नई दिल्ली, Aaj ka Panchang 27 February 2023: पंचांग के अनुसार आज 27 फरवरी 2023, सोमवार के दिन फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। सोमवार के दिन भगवान शिव की उपासना करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है और संकटों से मुक्ति मिल जाती है। आज तीन अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। दैनिक पंचांग से जानिए आज का शुभ मुहूर्त, शुभ योग का समय और राहुकाल की अवधि।

आज का पंचांग ( Panchang 27 February 2023)

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि समाप्त- 28 फरवरी रात्रि 12 बजकर 51 मिनट पर

रोहिणी नक्षत्र- 28 फरवरी सुबह 05 बजकर 50 मिनट तक

वैधृति योग- दोपहर 02 बजकर 42 मिनट तक

सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन

अमृत सिद्धि योग- 28 फरवरी सुबह 05 बजकर 50 मिनट से 28 फरवरी 06 बजकर 07 मिनट तक

शुभ समय

ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 35 मिनट से सुबह 05 बजकर 21 मिनट तक

विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 28 मिनट से दोपहर 03 बजकर 19 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त- शाम 06 बजकर 38 मिनट से शाम 07 बजकर 01 मिनट तक

अमृत सिद्धि योग- 28 फरवरी सुबह 05 बजकर 50 मिनट से 28 फरवरी 06 बजकर 07 मिनट तक

अशुभ समय

राहुकाल- सुबह 07 बजकर 41 मिनट से सुबह 09 बजकर 15 मिनट तक

ज्वालामुखी योग- रात्रि 12 बजकर 51 मिनट से सुबह 05 बजकर 50 मिनट तक

गुलिक काल- दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से दोपहर 03 बजकर 31 मिनट तक

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय- सुबह 06 बजकर 07 मिनट से

सूर्यास्त- शाम 06 बजकर 39 मिनट पर

चंद्रोदय और चन्द्रास्त का समय

चंद्रोदय- दोपहर 12 बजकर 48 मिनट से

चन्द्रास्त- रात्रि 11 बजकर 51 मिनट तक

सोमवार मंत्र

यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय।

दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै यकाराय नम: शिवाय् ।।

मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय।

मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय तस्मै मकाराय नम: शिवाय ।।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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