वेद से पहले ज्ञान की कोई पुस्तक नही

वेद से पहला संसार में कोई भी ज्ञान की पुस्तक नही है। रामायण, महाभारत में भी भी वेद की प्रशंसा है। वेद में ईश्वर का मुख्य नाम ओम बताया गया है। बृहस्पतिवार को आर्य समाज राजनगर द्वारा आयोजित शिविर के पांचवे दिन सहारनपुर से पधारे आचार्य वीरेन्द्र शास्त्री ने प्रवचन देते हुए कहा।

By Edited By: Publish:Fri, 08 Jun 2012 02:51 PM (IST) Updated:Fri, 08 Jun 2012 02:51 PM (IST)
वेद से पहले ज्ञान की कोई पुस्तक नही

गाजियाबाद। वेद से पहला संसार में कोई भी ज्ञान की पुस्तक नही है। रामायण, महाभारत में भी भी वेद की प्रशंसा है। वेद में ईश्वर का मुख्य नाम ओम बताया गया है। बृहस्पतिवार को आर्य समाज राजनगर द्वारा आयोजित शिविर के पांचवे दिन सहारनपुर से पधारे आचार्य वीरेन्द्र शास्त्री ने प्रवचन देते हुए कहा।

कहा कि परमात्मा ने सृष्टि में चार ऋषियों के माध्यम से चार वेदों का प्रकाश किया है। वेद मानव को मनुष्य बनाने की प्रेरणा देता है। आर्य समाज द्वारा आयोजित आर्य वीरांगना सशक्तिकरण शिविर के पांचवे दिन की शुरूआत बालिकाओं व युवतियों को योगासन एवं व्यायाम से की गयी। इसके उपरांत संध्या, यज्ञ व ध्वजारोहण होने के पश्चात बौद्धिक कार्यक्रम की शुरूआत की गयी। आचार्य यशपाल शास्त्री ने शिविर के दौरान बालिकाओं को नैतिकता एवं चरित्र निर्माण पर अपने विचार व्यक्त किये। प्रभारी स्नेह ओबराय ने कहा कि शिविर समापन में दो दिन शेष है। जिसमें बालिकाओं को अन्य क्रियाओं के बारे में जानकारी दी जायेगी। शिविर के दौरान संरक्षक श्रद्धानंद शर्मा, सुरेश चन्द्र गर्ग, वन्दना अरोड़ा, वीरेन्द्र नाथ सरदाना आदि उपस्थित थे।

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