इस वर्ष एक ही दिन गणेश जी विदाई और श्राद्ध पक्ष की शुरुआत होगी

इस वर्ष एक ही दिन गणेश जी विदाई और श्राद्ध पक्ष की शुरुआत होगी। तिथियों की घट-बढ़ के चलते गणेश विसर्जन अनंत चतुर्दशी पर दोपहर 12.06 बजे तक हो सकेगा, जबकि इसके बाद पूर्णिमा तिथि के जातकों के श्राद्ध होंगे।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2015 11:48 AM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2015 12:12 PM (IST)
इस वर्ष एक ही दिन गणेश जी विदाई और श्राद्ध पक्ष की शुरुआत होगी

इस वर्ष एक ही दिन गणेश जी विदाई और श्राद्ध पक्ष की शुरुआत होगी। तिथियों की घट-बढ़ के चलते गणेश विसर्जन अनंत चतुर्दशी पर दोपहर 12.06 बजे तक हो सकेगा, जबकि इसके बाद पूर्णिमा तिथि के जातकों के श्राद्ध होंगे।

इसके साथ पितरों के पूजन के सोलह दिनी श्राद्ध पक्ष का श्रीगणेश भी होगा। हालांकि इस बार श्राद्ध पक्ष में एकम तिथि का क्षय हो रहा है।

ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार 27 सितंबर को चतुर्दशी तिथि दोपहर 12.06 बजे तक रहेगी। इसके बाद पूर्णिमा तिथि लगेगी जो अगले दिन 28 सितंबर को सुबह 8.20 बजे तक रहेगी। इसके बाद एकम तिथि लगेगी, जो दूसरे दिन सुबह 4.34 बजे तक रहेगी।

सूर्योदय को तिथि का स्पर्श न होने के चलते एकम तिथि का छय होगा। श्राद्ध पक्ष अपरा- व्यापनी तिथि में माना जाता है, इसलिए 28 को एकम तिथि वाले जातकों का श्राद्ध किया जा सकेगा।

काली मंदिर खजराना के श्यामजी बापू ने बताया कि इस बार पूर्णिमा के जातकों का श्राद्ध अनंत चतुर्दशी के दिन ही होगा। इसी दिन श्राद्ध पक्ष की शुरुआत होगी। श्राद्ध पक्ष अपरा- काल वाली तिथि में माना जाता है। अत: अपरा- काल में पू्र्णिमा तिथि होगी।

गणेश विसर्जन के मुहूर्त

चर सुबह 7.47 से 9.16 बजे तक।लाभ सुबह 9.17 से 10.46 बजे तक।अमृत 10.47 से 12.06 बजे तक।सौभाग्यवती स्त्रियों और संन्यासियों का तर्पण

ज्योतिर्विद् देवेंद्र कुशवाह के अनुसार 6 अक्टूबर को मातृ नवमी के दिन सौभाग्यवती स्त्रियों का श्राद्ध किया जाता है। 9 अक्टूबर को द्वादश तिथि पर संन्यासियों का श्राद्ध किया जाएगा। 11 अक्टूबर चतुदर्शी को शस्त्र, जल, विष, अग्नि आदि से मृत व्यक्ति का श्राद्ध किया जाएगा। 12 अक्टूबर को सर्वपितृ मोक्षदायिनी सोमवती अमावस्या पर जिनकी तिथि ज्ञात नहीं हो, ऐसे लोगों का श्राद्ध किया जाएगा।

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