Sankashti Chaturthi Muhurat and Pujan Vidhi: आज के दिन इस तरह करें गणपति बप्पा की उपासना, जानें मुहूर्त

Sankashti Chaturthi Muhurat and Pujan Vidhi अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इस दिन गणपति बप्पा का पूजन किया जाता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 05 Sep 2020 06:00 AM (IST) Updated:Sat, 05 Sep 2020 06:22 AM (IST)
Sankashti Chaturthi Muhurat and Pujan Vidhi: आज के दिन इस तरह करें गणपति बप्पा की उपासना, जानें मुहूर्त
Sankashti Chaturthi Muhurat and Pujan Vidhi: आज के दिन इस तरह करें गणपति बप्पा की उपासना, जानें मुहूर्त

Sankashti Chaturthi Muhurat and Pujan Vidhi: अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इस दिन गणपति बप्पा का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि अगर सच्चे मन से संकष्टी चतुर्थी पर बप्पा का पूजन किया जाए तो व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही भगवान अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन गणेश जी का व्रत किया जाता है। इस व्रत को लेकर व्रत कथा भी प्रचलित है। व्रत के दौरान इस कथा को जरूर पढ़ना चाहिए। यहां पढ़ें व्रत कथा। गणेश जी को प्रथम देव कहा गया है और हर शुभ काम से पहले इनकी पूजा की जानी चाहिए। आइए जानते हैं संकष्ठी चतुर्थी का मुहूर्त और पूजा विधि।

संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय का समय:

चतुर्थी तिथि प्रारम्भ: 5 सितंबर को शाम 4:38 से

चतुर्थी तिथि समाप्त: 6 सितंबर को रात 07:06 पर

संकष्टी के दिन चन्द्रोदय: रात 08:38 मिनट

संकष्टी चतुर्थी पर इस तरह करें पूजा:

आज के दिन चंद्रमा मीन राशि में होगा। सूर्य सिंह राशि में विराजमान होगा। इस दिन गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दिन सुबह स्नानादि कर सभी नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं। स्नान कर साफ कपड़ें पहनें। पूजन करते समय यह ध्यान रखना होगा किजातक का मुख उत्तर दिशा की ओर ही हो। गणेश जी को तिल, गुड़, लड्डू, दुर्वा, चंदन और मीठा आदि अर्पित करें। फिर गणेश जी के सामने धूप और दीया जलाएं। गणेश जी का आरती करें। व्रत के दौरान फलाहार ही करें। शाम को चांद निकलने से पहले गणपित बप्पा का पूजन करें। फिर संकष्टी व्रत कथा का पाठ करें। रात में चांद देखकर ही अपना व्रत खोलें। सच्चे मन से गणेश जी पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दौरान गणेश जी की आरती और गणेश चालीसा का पाठ जरूर करें।  

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