Lord Ganesh: जीवन में चाहते हैं सुख और शांति का आगमन, तो ऐसे करें भगवान गणेश जी की पूजा

बुधवार के दिन भगवान शिव के पुत्र गणपति बप्पा की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से गणपति जी साधक के संकट दूर करते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है। चलिए जानते हैं कि बुधवार को भगवान गणेश (Lord Ganesh) जी की पूजा किस प्रकार करनी चाहिए?

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Publish:Wed, 24 Apr 2024 09:59 AM (IST) Updated:Wed, 24 Apr 2024 09:59 AM (IST)
Lord Ganesh: जीवन में चाहते हैं सुख और शांति का आगमन, तो ऐसे करें भगवान गणेश जी की पूजा
Lord Ganesh: जीवन में चाहते हैं सुख और शांति का आगमन, तो ऐसे करें भगवान गणेश जी की पूजा

HighLights

  • भगवान गणेश भगवान शिव के सबसे छोटे पुत्र हैं।
  • बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है।
  • गणपति जी साधक के संकट दूर करते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lord Ganesh Puja Vidhi: सनातन धर्म में भगवान शिव के पुत्र के भगवान गणेश जी को बुधवार का दिन समर्पित है। इस दिन गणपति बप्पा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही जीवन में सुख और शांति की प्राप्त के लिए व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान गणेश जी की पूजा और व्रत करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और प्रभु प्रसन्न होते हैं। चलिए जानते हैं कि बुधवार को भगवान गणेश जी की पूजा किस प्रकार करनी चाहिए?

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भगवान गणेश पूजा विधि

बुधवार के दिन सुबह उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें। इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। अब मंदिर की साफ-सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। इसके बाद चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर प्रभु को विराजमान करें। अब उन्हें फूल और दूर्वा घास अर्पित करें। देशी घी का दीपक जलाकर आरती करें। इसके बाद गणेश चालीसा और मंत्रों का जाप करें। अंत में सुख, समृद्धि और धन वृद्धि की कामना करें। प्रभु को विशेष चीजों का भोग लगाएं। लोगों में प्रसाद का वितरण करें। इस दिन श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों को भोजन और कपड़े समेत आदि चीजों का दान करें।

पूजा के दौरान इन मंत्रों का करें जाप

गणेश गायत्री मंत्र

ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

गणेश बीज मंत्र

ऊँ गं गणपतये नमो नमः ।

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