10 अगस्‍त को मनाई जाएगी कजरी तीज, ऐसे करें पूजा

कजरी तीज भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनायी जाती है। इसमें श‍िव गौरी की पूजाहोती है। इस साल यह त्‍योहार 10 अगस्‍त को मनाया जाएगा। जानें इसका महत्‍व...

By shweta.mishraEdited By: Publish:Tue, 08 Aug 2017 10:29 AM (IST) Updated:Tue, 08 Aug 2017 10:30 AM (IST)
10 अगस्‍त को मनाई जाएगी कजरी तीज,  ऐसे करें पूजा
10 अगस्‍त को मनाई जाएगी कजरी तीज, ऐसे करें पूजा

अखंड सुहाग की प्राप्ति

हिन्दू धर्म में चार प्रकार की तीज मनायी जाती है। जि‍समें अखा तीज, हरि‍याली तीज, कजरी, और हर‍िताल‍िका तीज शाम‍िल है। इस दौरान आकाश में घुमड़ती काली घटाओं के कारण इस पर्व को कजली अथवा कजरी तीज कहा जाता है।  कजरी तीज को लेकर मान्‍यता है क‍ि शिव-गौरी की पूजा करने से सौभाग्यवती स्त्री को अखंड सुहाग की प्राप्ति होती है। दांपत्‍य जीवन सुखमय होने के साथ ही इसमें प्रेम का वास होता है। वहीं कुंवारी कन्‍याओं के व्रत रखने को लेकर माना जाता है कि‍ उन्‍हें अच्छे वर की प्राप्ति होती है। 

भोजन ग्रहण किया जाता

कजरी तीज के द‍िन मिटटी की बनी भगवान श‍िव और माता गौरी की मूर्ति की पूजा होती है। सुहाग‍िनें और कुवांरी सभी व्रत रखकर व‍िध‍िव‍िधान से पूजा अर्चना करती हैं। श‍िव पार्वती से जुड़ी कथा कही जाती है। वहीं गेहू,चावल, चना, घी व मेवे के साथ मीठे पकवान बनाए जाते हैं। इस द‍िन पूजा के बाद सुहाग का सामान दान क‍िया जाता है। चन्द्रमा के दर्शन व आटे की 7 रोटि‍यां बनाकर उस पर गुड़ चना रखकर पहले गाय को ख‍िलाना जरूरी होता है। उसके बाद भोजन ग्रहण किया जाता है। 

अलग-अलग तरीके से 

वही बतादें कि‍ भारत के अलग-अलग राज्‍यों में अलग-अलग तरीके से कजरी तीज मनाया जाता है। कुछ राज्‍यों में इस दिन मां पार्वतीजी की सवारी बड़ी धूम-धाम से निकाली जाती है। वहीं कुछ जगहों पर कजरी तीज के एक दिन पहले रतजगा करने का भी र‍िवाज है। इतना ही नहीं इस दिन हर घरों में झूला डाला जाता है। इसके अलावा कजरी तीज पर पैरीं में मेहंदी लगाने का विशेष महत्व है। कहते हैं क‍ि इससे श‍िव पार्वती अपने भक्‍तों पर खुश होते हैं और उनकी हर मुराद पूरी करते हैं। 

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