Guru Pradosh Vrat 2019: आज शाम करें भगवान शिव की पूजा, आपके सभी शत्रुओं का होगा नाश

Guru Pradosh Vrat 2019 Guru Pradosh Vrat and Puja Vidhi आज गुरू प्रदोष व्रत है इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है।

By kartikey.tiwariEdited By: Publish:Thu, 26 Sep 2019 11:25 AM (IST) Updated:Thu, 26 Sep 2019 11:25 AM (IST)
Guru Pradosh Vrat 2019: आज शाम करें भगवान शिव की पूजा, आपके सभी शत्रुओं का होगा नाश
Guru Pradosh Vrat 2019: आज शाम करें भगवान शिव की पूजा, आपके सभी शत्रुओं का होगा नाश

Guru Pradosh Vrat 2019: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आज आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी है, दिन गुरुवार है। प्रदोष व्रत हर मास के त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। ऐसे में त्रयोदशी तिथि आज शाम को लग रही है। आज के गुरु प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त शाम को 06:32 बजे से 08:55 बजे तक है। जब प्रदोष व्रत गुरुवार के दिन पड़ता है तो उसे गुरु प्रदोष कहा जाता है।

आज गुरू प्रदोष व्रत है, इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष के दिन भगवान शिव शंकर की आराधना करने से सारे पाप धुल जाते हैं। प्रदोष व्रत करने से दो गायों के दान बराबर पुण्य प्राप्त होता है।

हिन्दू कैलेंडर के किसी भी मास में दो पक्ष शुक्ल और कृष्ण होते हैं और प्रदोष व्रत दोनों ही पक्षों में पड़ता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष काल में भगवान शिव अपने धाम कैलाश पर नृत्य करते हैं। ऐसे में प्रदोष व्रत करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

गुरू प्रदोष की पूजा विधि

सुबह स्नान आदि से निवृत होने के बाद भगवान शिव को ध्यान कर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद आप दिनभर निराहार रहें। सूर्यास्त को स्नान के बाद मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा करें। पूजा घर में उत्तर-पूर्व की दिशा में बैठकर भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करें।

भगवान शंकर को श्वेत पुष्प, अक्षत्, भांग, धतूरा, सफेद चंदन, गाय का दूध, धूप आदि अर्पित करें। गंगाजल से भोलेनाथ का जलाभिषेक करें और ऊं नम: शिवाय: का जाप भी करते रहें। फिर शिव चालीसा का पाठ कर अंत में आरती करें और परिजनों में प्रसाद बाटें।

हर प्रदोष का अलग है महत्व

रवि प्रदोष: रविवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत से आयु वृद्धि तथा उत्तम स्वास्थ्य मिलता है।

सोम प्रदोष: सोमवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत से आरोग्य के साथ सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

मंगल प्रदोष: मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत से असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है।

बुध प्रदोष: बुधवार के पड़ने वाले प्रदोष व्रत से सभी कामनाओं पूरी होती है।

गुरू प्रदोष: गुरुवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत से शत्रुओं का नाश होता है।

शुक्र प्रदोष: शुक्रवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत से सौभाग्य प्राप्त होता है, साथ ही दाम्पत्य जीवन में सुख-शान्ति रहती है।

शनि प्रदोष: शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत से संतान प्राप्ति की कामना पूर्ण होती है।

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