Adhik Maas Purnima Do's And Don'ts: अधिक मास पूर्णिमा के दिन भूलकर भी न करें ये काम

Adhik Maas Purnima Dos And Donts पूर्णिमा चंद्रमा की पंद्रहवी कला को कहा जाता है। यह अश्विवन का अधिक मास चल रहा है। यह मास हर 3 साल बाद आता है। इससे हिंदी कैलेंडर में 12 के बजाय 13 महीने हो जाते हैं। अधिक मास की पूर्णिमा आज है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 06:40 AM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 06:40 AM (IST)
Adhik Maas Purnima Do's And Don'ts: अधिक मास पूर्णिमा के दिन भूलकर भी न करें ये काम
अधिक मास पूर्णिमा के दिन भूलकर भी न करें ये काम

Adhik Maas Purnima Do's And Don'ts: पूर्णिमा, चंद्रमा की पंद्रहवी कला को कहा जाता है। यह अश्विवन का अधिक मास चल रहा है। यह मास हर 3 साल बाद आता है। इससे हिंदी कैलेंडर में 12 के बजाय 13 महीने हो जाते हैं। अधिक मास की पूर्णिमा आज है। पूर्णिमा में चंद्रमा अपनी पूरी आकृति में होता है। इस तिथि के स्वामी स्वयं चंद्रदेव हैं। इस तिथि पर विष्णु जी की आराधना के साथ-साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है। इसके अलावा सत्यनारायण भगवान की कथा भी कही या सुनी जाती है। अधिक मास की पूर्णिमा के दौरान कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में हम आपको कुछ बातों की जानकारी दे रहे हैं जिन्हें भूलकर भी इस दिन नहीं करना चाहिए।

अधिक मास पूर्णिमा के दिन इन बातों का रखें खास ख्याल भूलकर भी न करें ये काम: इस दिन व्यक्ति को पूरे घर की अच्छे से साफ-सफाई करनी होती है। घर में किसी भी तरह की लड़ाई न हो यह भी ध्यान रखें। अधिकमास की पूर्णिमा पर किसी बुजुर्ग या स्त्री का अपमान न करें। हालांकि, बुजुर्ग या स्त्री समेत किसा का भी अपमान हमें कभी नहीं करना चाहिए यह सही नहीं होता है। इस दिन गलती से भी तामसिक चीजों का सेवन न करें। खासतौर से तब जब व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा अशुभ फल दे रहा हो तो।

अधिक मास पूर्णिमा का मुहूर्त:

अधिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 30 सितंबर, दिन बुधवार, देर रात 12 बजकर 25 मिनट से प्रारंभ हो चुकी है। यह अगले दिन 01 अक्टूबर, गुरुवार देर रात 02 बजकर 34 मिनट तक रहेगी। यह तिथि सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ आई है। राहुकाल दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से दोपहर 03 बजकर 09 मिनट तक रहेगा।इस दिन पंचक पूरे दिन रहेगा।

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