इन तीन मंदिरों में अलग रूप में नजर आते है हनुमान जी

मंगलवार हनुमान जी का दिन है आइये आज आपको बताते हैं तीन ऐसे मंदिरों के बारे में जहां वे कुछ अलग ही रूप में नजर आते हैं।

By Molly SethEdited By: Publish:Mon, 18 Dec 2017 04:47 PM (IST) Updated:Sun, 22 Oct 2017 07:00 PM (IST)
इन तीन मंदिरों में अलग रूप में नजर आते है हनुमान जी
इन तीन मंदिरों में अलग रूप में नजर आते है हनुमान जी


सालासर बालाजी हनुमान मंदिर

राजस्थान के चुरू जिले में सालासर बालाजी हनुमान मंदिर है। जिस गांव में यह मंदिर है उसका नाम सालासर है, इसलिए ये सालासर वाले बालाजी के मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है। खास बात ये है कि यहां हनुमानजी की प्रतिमा दाढ़ी और मूंछ वाली है। संभवत: ये किसी देवता की दाढ़ी मूंछ से युक्‍त एक ही प्रतिमा है। यह हनुमान के भक्तों का प्रिय धार्मिक स्थल है। हर साल असंख्य भारतीय भक्त दर्शन के लिए सालासर धाम जाते हैं। यहां प्रति वर्ष चैत्र पूर्णिमा और आश्विन पूर्णिमा पर बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है। भारत में यह एकमात्र बालाजी का मंदिर है जिसमे बालाजी के दाढ़ी और मूंछ है। बाकि चेहरे पर राम आयु बढ़ाने का सिंदूर चढ़ा हुआ है। कहा जाता है इस मंदिर का निर्माण नूर मोहम्मद और दाऊ नाम के दो मुस्लिम कारीगरों ने किया था। 

उल्‍टे हनुमान जी 

भगवान हनुमान का एक विशेष मंदिर जो सांवेर में स्थित है उसकी खासियत यह है कि इसमें हनुमानजी की उलटी मूर्ति स्थापित है। इसीलिए यह मंदिर उलटे हनुमान के नाम से मालवा क्षेत्र में प्रसिद्ध है। उलटे हनुमानजी मंदिर उज्जैन से केवल 30 किमी दूर स्थित है। इस मंदिर में भगवान हनुमान की उलटे मुख वाली सिंदूर से सजी मूर्ति विराजमान है। इस स्‍थान के बारे में चर्चित एक पौराणिक कथा में बताया गया है कि जब अहिरावण भगवान श्रीराम व लक्ष्मण का अपहरण कर पाताल लोक ले गया था, तब हनुमान ने पाताल लोक जाकर अहिरावण का वध कर श्रीराम और लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा की थी। ऐसा विश्‍वास है कि यही वह स्थान है, जहां से हनुमानजी ने उल्‍टे हो कर पाताल लोक जाने के लिए पृथ्वी में प्रवेश किया था।

इलाहाबाद के लेटे हनुमान जी

उत्तर प्रदेश में इलाहबाद के किले से सटे हुए एक प्राचीन मंदिर में लेटे हुए हनुमान जी की प्रतिमा स्‍थापित है। ये एकमात्र मंदिर है जिसमें हनुमान जी की लेटी हुई मुद्रा में स्‍थापित हैं। उनकी ये प्रतिमा करीब 20 फीट लम्बी है। हनुमान जयंती पर यहां पूरे देश से हजारों भक्‍त दर्शन करने के लिए आते हैं। हालाकि आजकल ऐसे अनेक मंदिर बन गए हैं जहां हनुमान जी को लेटा हुआ दर्शाया गया है। जैसे महाराष्ट्र के औरंगाबाद के समीप म्हैस्मल में बना लेटे हुए हनुमान जी का विशाल मंदिर। इसके बावजूद पुराणों में एक ही लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर का विवरण प्राप्त होता है, और वह प्रयाग में संगम तट पर स्थित इलाहाबाद के बड़े हनुमान जी का मंदिर ही है।

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