इस शक्तिपीठ में नवरात्र में करीब एक लाख भक्त रोजा माता का दर्शन करने आते हैं

मंदिर परिसर करीब 70 एकड़ में है। यहां मां दुर्गा की तीन बड़ी मूर्तियां हैं जो अष्टधातु से बनी हैं। महिषासुर मर्दिनी कक्ष में एक झूला है, जिस पर चरण पादुका रखी हैं।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 30 Mar 2017 11:43 AM (IST) Updated:Thu, 30 Mar 2017 12:00 PM (IST)
इस शक्तिपीठ में नवरात्र में करीब एक लाख भक्त रोजा माता का दर्शन करने आते हैं
इस शक्तिपीठ में नवरात्र में करीब एक लाख भक्त रोजा माता का दर्शन करने आते हैं

 छतरपुर मंदिर के नाम से विख्यात मां कात्यायनी मंदिर शक्तिपीठ में शामिल है। नवरात्र में यहां करीब एक लाख भक्त रोजाना माता का दर्शन करने आते हैं। इस दौरान यहां पर सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं।

मंदिर का जीर्णोद्धार वर्ष 1974 में संत नागपाल ने कराया था। संत नागपाल का जन्म 10 मार्च 1925 को कर्नाटक में हुआ था। उनके मातापिता का देहांत हो गया था, तो एक अज्ञात महिला उन्हें दिल्ली के छतरपुर गांव के निकट दुर्गा आश्रम में लेकर आई। इस वजह से उन्होंने मां दुर्गा को अपनी वास्तविक मां मान लिया। 

मंदिर की विशेषता 

मंदिर परिसर करीब 70 एकड़ में है। यहां मां दुर्गा की तीन बड़ी मूर्तियां हैं जो अष्टधातु से बनी हैं। भूतल पर शिव मंदिर है। सीढ़ियों से ऊपर चढ़ने पर पहले राम दरबार, राधाकृष्ण, कृष्ण व बलराम को लिए माता यशोदा की मूर्तियां हैं। अगले चरण में मां दुर्गा की प्रतिमा है। मंदिर इस तरह बना है कि एक से दूसरे मंदिर में जाने के लिए बाहर नहीं निकलना पड़ता। इतना ही नहीं मंदिर परिसर के अंदर काफी बड़ा हॉल है, जिसमें अनेक भक्त एक-साथ खड़े होकर भगवान का ध्यान कर सकते हैं।

 मां दुर्गा की भव्य मूर्ति

महिषासुर मर्दिनी कक्ष में एक झूला है, जिस पर चरण पादुका रखी हैं। यहां मां दुर्गा की भव्य मूर्ति है। उन्हें महिषासुर का वध करते हुए दिखाया गया है। कक्ष में गणेश, लक्ष्मी, कार्तिक व मां सरस्वती की मूर्तियां हैं। नवरात्र व पूर्णिमा के दिन कक्ष का कपाट खोला जाता है। इसके साथ में माता का बैठक कक्ष व शयन कक्ष भी है। संत नागपाल की यज्ञशाला आज भी है, जिसमें नवरात्र में नित्य हवन होता है। मंदिर के दूसरे हिस्से में 101 फीट
ऊंची भगवान हनुमान जी की मूर्ति व कच्छप पर बने श्री यंत्र पर 60 फीट ऊंचा त्रिशूल श्रद्धा का केंद्र है।
नवरात्र भर होता है यज्ञ
मंदिर में नवरात्र भर हवन-यज्ञ और दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है। रोजाना सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। भक्तों को प्रसाद भी वितरित किया जाता है। 

छतरपुर मंदिर दिल्ली देवी मंदिर में पूरे नवरात्र मंदिर के द्वार खुले रहते है। प्रत्येक द्वार पर मेटल डिटेक्टर व स्कैनर लगे हैं। सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। मेट्रो से अधिकतर श्रद्धालु आएंगे, इसलिए मेट्रो प्रशासन से भी सहयोग की मांग की है। श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का इंतजाम है। एक बार में चार हजार लोग प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं। 

 मंदिर के सामने सड़क पर जो कट बने हुए थे, उन्हें सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को सड़क पार कर मंदिर आने-जाने में कोई परेशानी ना हो। मंदिर में पूरे नवरात्र तक दिन-रात श्रद्धालुओं का
आना-जाना लगा रहता है। दिल्ली-एनसीआर से ही नहीं बल्कि अन्य जगहों से भी भक्त मां के दर्शन करने आते
हैं। भक्तों का भोर से ही आना शुरू हो जाता है।
ऐसे पहुंचें मंदिर
महरौली-गुड़गांव रोड पर जाने वाली बसों से मंदिर तक सुगमता से पहुंचा जा सकता है। मंदिर को ध्यान में रखकर मेट्रो स्टेशन छतरपुर के नाम से बनाया गया है। यहां से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर मंदिर स्थित है।
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