इस शक्तिपीठ में नवरात्र में करीब एक लाख भक्त रोजा माता का दर्शन करने आते हैं
मंदिर परिसर करीब 70 एकड़ में है। यहां मां दुर्गा की तीन बड़ी मूर्तियां हैं जो अष्टधातु से बनी हैं। महिषासुर मर्दिनी कक्ष में एक झूला है, जिस पर चरण पादुका रखी हैं।
छतरपुर मंदिर के नाम से विख्यात मां कात्यायनी मंदिर शक्तिपीठ में शामिल है। नवरात्र में यहां करीब एक लाख भक्त रोजाना माता का दर्शन करने आते हैं। इस दौरान यहां पर सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं।
मंदिर का जीर्णोद्धार वर्ष 1974 में संत नागपाल ने कराया था। संत नागपाल का जन्म 10 मार्च 1925 को कर्नाटक में हुआ था। उनके मातापिता का देहांत हो गया था, तो एक अज्ञात महिला उन्हें दिल्ली के छतरपुर गांव के निकट दुर्गा आश्रम में लेकर आई। इस वजह से उन्होंने मां दुर्गा को अपनी वास्तविक मां मान लिया।
मंदिर की विशेषता
मंदिर परिसर करीब 70 एकड़ में है। यहां मां दुर्गा की तीन बड़ी मूर्तियां हैं जो अष्टधातु से बनी हैं। भूतल पर शिव मंदिर है। सीढ़ियों से ऊपर चढ़ने पर पहले राम दरबार, राधाकृष्ण, कृष्ण व बलराम को लिए माता यशोदा की मूर्तियां हैं। अगले चरण में मां दुर्गा की प्रतिमा है। मंदिर इस तरह बना है कि एक से दूसरे मंदिर में जाने के लिए बाहर नहीं निकलना पड़ता। इतना ही नहीं मंदिर परिसर के अंदर काफी बड़ा हॉल है, जिसमें अनेक भक्त एक-साथ खड़े होकर भगवान का ध्यान कर सकते हैं।
मां दुर्गा की भव्य मूर्ति
छतरपुर मंदिर दिल्ली देवी मंदिर में पूरे नवरात्र मंदिर के द्वार खुले रहते है। प्रत्येक द्वार पर मेटल डिटेक्टर व स्कैनर लगे हैं। सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। मेट्रो से अधिकतर श्रद्धालु आएंगे, इसलिए मेट्रो प्रशासन से भी सहयोग की मांग की है। श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का इंतजाम है। एक बार में चार हजार लोग प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं।