सखी इनबॉक्स

मैं सखी की नियमित पाठिका हूं। हमेशा की तरह इसका अगस्त अंक भी लाजवाब था। कुकिंग मेरी हॉबी है। '

By Edited By: Publish:Mon, 12 Sep 2016 10:46 AM (IST) Updated:Mon, 12 Sep 2016 10:46 AM (IST)
सखी इनबॉक्स
सखी का अगस्त अंक देख कर दिल खुश हो गया। सौंदर्य पर आधारित यह विशेष अंक केवल मुझे ही नहीं, बल्कि मेरी बेटी को भी बहुत पसंद आया क्योंकि इसमें उम्र के अनुसार सौंदर्य की देखभाल से जुडी बहुत उपयोगी जानकारियां दी गई थीं। सलेब्रिटीज के ब्यूटी सीक्रेट्स भी रोचक थे। लेख 'हर उम्र में रहें फिट एंड फाइन' पढकर अब मैं नियमित एक्सरसाइज करती हूं। सुमन सिंह, भोपाल मैं सखी की नियमित पाठिका हूं। हमेशा की तरह इसका अगस्त अंक भी लाजवाब था। कुकिंग मेरी हॉबी है। 'घर की थाली' के अंतर्गत दी गईं इडली की रेसिपीज को मैंने भी अपनी किचन में आजमाया, स्वादिष्ट इडलियां सभी को बहुत पसंद आईं। पिज्जा को हेल्दी बनाने के तरीके भी बहुत उपयोगी साबित हुए। रंजना मिश्रा, लखनऊ मुझे हर महीने सखी के नए अंक का बेसब्री से इंतजार रहता है। बेहतरीन रचनाओं और आकर्षक साज-सज्जा की वजह से पत्रिका का अगस्त अंक संग्रहणीय बन गया है। कवर स्टोरी 'आजादी क्यों और किससे' में बिलकुल सही कहा गया है कि आजादी महज एक जश्न नहीं, बल्कि जिम्मेदारी भी है। लेख 'संतुलन से सुधरेगी सेहत' में मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया के बारे में कई नई बातें जानने को मिलीं। लेख 'सहजता से स्वीकारें यह बदलाव' पढ कर यह मालूम हुआ कि मेनोपॉज के दौरान हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। प्रेरणा चौहान, अलीगढ अभी हाल में ही मेरी नई जॉब लगी है। सखी के अगस्त अंक में प्रकाशित आलेख 'कॉरपोरेट लुक्स' मेरे लिए बहुत मददगार साबित हुआ। अमृता राव मेरी फेवरिट अभिनेत्री हैं और उनका इंटरव्यू मुझे खास तौर पर पसंद आया। लेख 'सल्फेट : जो जानना है जरूरी' पढकर यह मालूम हुआ कि ब्यूटी प्रोडक्ट्स में मौजूद सल्फेट हमारी त्वचा के लिए कितना नुकसानदेह साबित होता है। 'दिखें सदा खूबसूरत' में दिए गए ब्यूटी टिप्स भी उपयोगी थे। ममता शर्मा, नागपुर मैं सखी की नियमित पाठिका हूं। अगस्त अंक में प्रकाशित कवर स्टोरी 'आजादी क्यों और किससे' मुझे खास तौर पर पसंद आई। इसे पढकर मुझे मानसिक गुलामी से मुक्त होकर सकारात्मक सोच के साथ जीने की प्रेरणा मिली। सभी स्थायी स्तंभ भी रोचक थे। कल्पना विमल, ग्रेटर नोएडा सखी सही मायने में मेरी सच्ची दोस्त है। इसकी रेसिपीज को जब भी मैं अपनी किचन में आजमाती हूं तो परिवार के सभी सदस्य खुश हो जाते हैं। ब्यूटी संबंधी लेख मेरा सौंदर्य निखारने में मददगार होते है। इसकी कहानियां भी मर्मस्पर्शी होती हैं। संजना शंकर तलवार, दिल्ली मैं पिछले दस वर्षों से सखी की नियमित पाठिका हूं। पत्रिका का अगस्त अंक देखा। सभी रचनाएं पठनीय थीं। लेख 'साथ से बनेगी बात' में बिलकुल सही कहा गया है कि बच्चों के साथ क्वॉलिटी टाइम बिताना बेहद जरूरी है। लेख 'स्वस्थ आदतों से दूर होगी समस्या' में आइबीएस के बारे में बहुत उपयोगी जानकारी दी गई थी। कहानी 'वान्या तुम लौट आओ' दिल को छू गई। सपना पुरी, चंडीगढ सखी मेरी प्रिय पत्रिकाओं में से एक है। इसके अगस्त अंक में प्रकाशित सौंदर्य से जुडी रचनाएं तो उपयोगी थीं ही, इसके अलावा 'मुद्दा' के अंतर्गत कचरा प्रबंधन के बारे में बहुत उपयोगी जानकारी दी गई थी। आलेख 'पुराने ट्रंक को दें नया लुक' भी बेहद रोचक था। प्रिया रावत, देहरादून
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