चलेंगे साथ मिलकर

छुट्टियों में पूरे परिवार के साथ घूमने-फिरने का अपना अलग ही मजा है, पर ऐसी यात्रा की तैयारी करते समय सबकी रुचियों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।

By Edited By: Publish:Mon, 02 May 2016 09:45 AM (IST) Updated:Mon, 02 May 2016 09:45 AM (IST)
चलेंगे साथ मिलकर

सत्रह लोगों की बडी सी जॉइंट फैमिली, जिसमें छह से सोलह साल की उम्र के कई बच्चे, पहली जॉब जॉइन करने वाले भांजे-भतीजे, मिडिल एज अंकल-आंटी, दादा-दादी और उनके भी भाई-बहन। जरा सोचिए जब अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों को एक ही साथ घूमने जाना हो तो उनकी पसंद और रुचियों के बीच तालमेल बिठाने में कितनी मुश्किलें आती होंगी। फिर भी फैमिली हॉलिडे का अपना अलग ही मजा होता है।

परिवार के साथ सुकून

पुरानी दिल्ली की स्नेहा गर्ग एक ऐसे ही संयुक्त परिवार की बडी बहू हैं। वह कहती हैं, 'दरअसल हमारे परिवार के पुरुष सदस्य बहुत ज्यादा व्यस्त रहते हैं। इसलिए उन्हें आराम करने और बच्चों के साथ वक्त बिताने का मौका ही नहीं मिलता। ऐसे में थकान और तनाव दूर करने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि हम रोजमर्रा की परेशानियों को घर पर छोडकर पूरे परिवार के साथ कहीं दूर घूमने निकल जाएं।

फुर्सत के चंद पल

आज की जीवनशैली इतनी व्यस्त है कि एक ही छत के नीचे रहने के बावजूद लोगों को अपने परिवार के साथ फुर्सत के दो-चार पल बिताने का भी मौका नहीं मिलता। ऐसे में फैमिली हॉलिडे के बहाने उन्हें अपने परिवार के साथ क्वॉलिटी टाइम बिताने का मौका मिलता है। इस संबंध में मनोवैज्ञानिक विचित्रा दर्गन आनंद कहती हैं, अब लोगों को इस बात का एहसास होने लगा है कि फैमिली हॉलिडे अपने रिश्तों को रिवाइव करने का अच्छा माध्यम है। इसलिए साल में कम से कम एक बार लोगों को सपरिवार छुट्टियां बिताने का समय जरूर निकालना चाहिए। यह जरूरी नहीं है कि इसके लिए आपकी छुट्टियां बहुत लंबी हों या हर बार ढेर सारे पैसे खर्च करके आप विदेश यात्रा पर ही जाएं क्योंकि ऐसी छुट्टियों में डेस्टिनेशन के बजाय परिवार के साथ बिताए जाने वाले खुशनुमा पलों की ज्यादा अहमियत होती है। वीकेंड में अपने शहर के आसपास स्थित किसी भी पर्यटन स्थल पर जाकर वहां परिवार के साथ थोडा वक्त बिताना भी आपको पूरी तरह तनावमुक्त कर देगा। द्य

इन बातों का रख्खें ध्यान

हमेशा किसी ऐसे पर्यटन स्थल का चुनाव करें, जहां बुजुर्गों के अलावा बच्चों की रुचि से जुडे दर्शनीय स्थल भी हों।

बुजुर्गों की सभी दवाएं रखना न भूलें।

अगर आपके साथ बच्चे हैं तो रोजाना होटल से बाहर निकलते समय एक पर्ची पर अपना पूरा नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखकर उनकी जेब में डाल दें।

खाना ऑर्डर करते समय बुजुर्गों और बच्चों की पसंद का खयाल रखें।

अगर बच्चों को किसी एम्यूजमेंट पार्क में ले जा रहे हैं तो हमेशा उनके आसपास रहें।

दर्शनीय स्थलों के भ्रमण के दौरान अगर

्र्रबुजुर्गों को पैदल चलने में तकलीफ हो तो उनके लिए व्हील चेयर की व्यवस्था करवा दें।

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