समय के साथ कदमताल

घर और बाहर की दोहरी जिम्मेदारियों के बीच स्त्रियां अपने आप को ही कहीं भूल सी जाती हैं। ऐसे में उन्हें जरूरत है समय के साथ कदम मिलाने की। सकारात्मक सोच के साथ जिंदगी के कुछ सबक सीखें, सिखाएं और हमेशा खुश रहें।

By Edited By: Publish:Tue, 03 May 2016 09:39 AM (IST) Updated:Tue, 03 May 2016 09:39 AM (IST)
समय के साथ कदमताल

आप घर से ऑफिस और ऑफिस से घर तक ही सीमित रह गई हैं? अगर जवाब हां में है तो कुछ बातों को जीवन में उतारकर अपनी पुरानी सी और एक ही ढर्रे पर चलने वाली जिंदगी को बाय-बाय करना होगा। वक्त के अनुसार खुद को अपडेट करना जरूरी है, वर्ना जमाना आगे निकल जाएगा और आप सोचती ही रह जाएंगी। सकारात्मक सोच और रोजाना की दिनचर्या में थोडा सा बदलाव करके आप मॉडर्न दिखने के साथ ही समय के साथ भी चल सकेंगी।

कुछ जरूरी टिप्स

कामकाजी स्त्री के लिए मॉर्निंग वॉक पर जाना थोडा कठिन जरूर होता है लेकिन अपने आप को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज जरूरी है। दिन भर में कम से कम 30-35 मिनट अपने लिए जरूर निकालें। सुबह की सैर करने से मन में ताजगी आती है और दिन भर काम करने की ऊर्जा मिलती है। यदि मॉर्निंग वॉक पर न जा सकें तो योग और व्यायाम से भी चेहरे की चमक और रौनक हासिल की जा सकती है।

भडकीले रंगों या ज्यादा एंब्रॉयडरी वाले कपडों को पार्टी या इवेंट्स के लिए ही रखें। अपने वॉर्डरोब में रोजमर्रा पहनने वाले सिंपल और कंफर्टेबल आउटफिट्स की संख्या बढाएं। फैशन ट्रेंड्स को फॉलो करना सही है, लेकिन वही पहनें जिसमें सहज रह सकें।

घर हो या ऑफिस, दोनों जगह जो बात जीवंत और प्रसन्न बनाए रख सकती है, वह है- ज्ञान या नॉलेज। खुद को समय के साथ चलने लायक बनाना है तो रोज कम से कम एक समाचार पत्र पढें, पत्रिकाएं लें, साथ ही सोशल गैदरिंग का हिस्सा बनें। नौकरी करती हों या होम मैनेजर हों, खुद को हमेशा सीखने के लिए तैयार रखें।

चेहरे की रौनक बनाए रखने के लिए भरपूर मात्रा में पानी और तरल पदार्थ लें। भोजन पौष्टिक हो। इसके अलावा 6 से 8 घंटे की नींद लें, ताकि चेहरा थका-थका सा न लगे।

अगर मानसिक थकान हो तो बच्चों के साथ खेलें, उनसे बातें करें, संगीत सुनें या फिर बागवानी जैसे काम करें। इन कार्यों से थकान गायब होती है और कुछ क्रिएटिव करने का सुकून भी मिलता है।

घर या ऑफिस में कई उलझनें अकसर परेशान करती हैं। कई बार खुद तक सीमित रखने से मन की उलझनें बढती जाती हैं। ऐसे में किसी दोस्त या भरोसेमंद व्यक्ति से अपनी बात शेयर करें। हो सकता है, जिस समस्या का हल आपको न मिल पा रहा हो, उसका कोई हल उसके पास हो।

वीकेंड पर घर में अकेले बैठे रहने के बजाय बच्चों के साथ पार्क जाएं, पिकनिक करें, दोस्तों-रिश्तेदारों से मिलने जाएं या घर पर ही किसी को आमंत्रित करें। इससे दिनचर्या की एकरसता टूटेगी और नई ऊर्जा भी मिलेगी।

सादगी में एक खूबसूरती छिपी है लेकिन कभी-कभी हलका मेकअप करना, खुद को अच्छी तरह संवारना भी जरूरी है। अपना पर्सनल स्पेस निकालें और महीने-दो महीने में एक बार फेशियल कराएं या स्पा लें। इससे स्ट्रेस दूर होगा और चेहरे की मसाज होने से थकान भी कम होगी।

अपने आसपास के माहौल के प्रति जागरूक रहें। पडोस में रहने वाले लोगों से संपर्क बनाए रखें और अपनी सोसाइटी की आरडब्ल्यूए के कार्यक्रमों में भागीदारी करें। इससे सामाजिक व्यवहार बना रहेगा और किसी मुश्किल वक्त में पडोस के लोग काम भी आएंगे।

अगर घर में रहते हुए कुछ करना चाहती हैं तो अपने समय से एक-दो घंटे निकालें और बच्चों को पढाएं। हो सकता है, आसपास कुछ बच्चों को आपकी जरूरत हो। अपनी शिक्षा का इस्तेमाल उन्हें पढाने में करें। आपका समय भी अच्छा बीतेगा और कुछ बच्चों का भविष्य भी संवरेगा।

जीवन में कभी आशा का दामन न छोडें। हर हाल में खुश रहें, सकारात्मक नजरिया बनाए रखें। आगे बढने की यह जरूरी शर्त है।

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