हमें भी है कुछ कहना

यूं तो हर दिन बच्चों का होता है, फिर भी बाल दिवस पास आते ही बच्चों का मन नई उमंगों से भर उठता है... स्कूल हो या घर, दोनों ही जगह उस खास दिन उन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट जो मिलता है। सभी माता-पिता अपने बच्चों का बहुत खयाल रखते हैं, पर

By Edited By: Publish:Tue, 20 Oct 2015 02:58 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2015 02:58 PM (IST)
हमें भी है कुछ कहना

यूं तो हर दिन बच्चों का होता है, फिर भी बाल दिवस पास आते ही बच्चों का मन नई उमंगों से भर उठता है... स्कूल हो या घर, दोनों ही जगह उस खास दिन उन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट जो मिलता है। सभी माता-पिता अपने बच्चों का बहुत खयाल रखते हैं, पर वे अकसर उनसे यह पूछना भूल जाते हैं कि बच्चे उनकी कौन सी बात सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। सखी ने छोटे-छोटे बच्चों से जाना कि उन्हें अपने पेरेंट्स के साथ किस तरह टाइम बिताना अच्छा लगता है और वे उनसे क्या कहना चाहते हैं।

बेस्ट हैं मेरे पेरेंट्स

मैं अपने पापा के साथ संडे को ही ख्ाास टाइम स्पेंड कर पाती हूं। बाकी दिन तो वो ऑफिस में ही बिजी रहते हैं। संडे को मैं पापा से स्टोरीज सुनती हूं। जब मेरी मम्मी घर पर नहीं होती हैं, तब वे मुझे टेस्टी खाना भी बना कर खिलाते हैं। अपना टाइम मैनेज करते हुए दोनों ही मुझे स्कूल ड्रॉप करने जाते हैं। मुझे अपने पेरेंट्स से कोई शिकायत नहीं है। वे मेरे लिए बेस्ट हैं।

मन्नत

इंतजार रहता है संडे का

मुझे कभी मम्मी तो कभी पापा आउटिंग पर ले जाते हैं। वे दोनों ही मुझसे इतना प्यार करते हैं कि मुझे उनसे कभी कोई शिकायत नहीं हो सकती। संडे को मुझे मेरी फेवरिट मूवीज दिखाने ले जाते हैं। उन दोनों के साथ टाइम स्पेंड करने के लिए मैं संडे का बेसब्री से इंतजार करता हूं। मेरे पेरेंट्स को कुकिंग का शौक है, इसलिए दोनों ही मेरा पसंदीदा खाना बनाते हैं।

युवराज

बिजी हैं मगर देते हैं टाइम

मेरी मम्मी साइकोलॉजिस्ट और पापा बैंकर हैं। मैं कभी भी उन दोनों को परेशान नहीं करता। संडे को मैं पढाई करने और टीवी देखने के बाद उन लोगों के साथ खेलता हूं। वो लोग होमवर्क कराने में भी मेरी बहुत हेल्प करते हैं। उसके अलावा मेरे लिए खिलौने भी लाते हैं। वे जब भी फ्री होते हैं, मुझे बाहर घुमाने ले जाते हैं। उनके साथ खेलना और घूमना मुझे बहुत अच्छा लगता है।

अर्जुन

साथ रहें हमेशा

मैं संडे को अपने पेरेंट्स के साथ आउटिंग पर जाती हूं। मैं जब भी किसी प्रॉब्लम में होती हूं, वे दोनों ही मुझे मोटिवेट करते हैं और मेरी प्रॉब्लम तुरंत सॉल्व हो जाती है। वो मुझे कभी भी किसी बात के लिए परेशान नहीं होने देते हैं। मेरे चेहरे पर हमेशा स्माइल ले आते हैं। मैं उनसे बस इतना कहना चाहती हूं कि वे दोनों हमेशा यूं ही मेरे साथ बने रहें।

दिशा

चाहती हूं उनकी प्रेरणा

वीक डेज में तो मेरे पेरेंट्स काफी बिजी रहते हैं, इसलिए वीकेंड पर हमारा स्पेशल प्रोग्राम जरूर बन जाता है। कभी हम लोग मॉल्स में घूमने जाते हैं तो कभी दिल्ली से बाहर। मम्मी मैथ की प्रॉब्लम्स सॉल्व करने में मेरी हेल्प करती हैं और पापा मेरी इंग्लिश ग्रामर सुधारते हैं। बस मुझे तब नहीं अच्छा लगता है जब वो लोग मुझे डांटते हैं। मैं उनसे कहना चाहती हूं कि वे हमेशा मुझे इंस्पायर करते रहें।

अदिति

बहुत प्यार है उनसे

मम्मी-पापा मेरा बहुत ख्ायाल रखते हैं। वो लोग मुझे कभी घुमाने ले जाते हैं तो कभी मूवी दिखाने। किसी-किसी संडे को हम लोग डिनर करने बाहर भी जाते हैं। मैं तो चाय नहीं पीता हूं, पर मेरे पापा मम्मी के लिए अकसर चाय बनाते हैं। मेरा एक बडा भाई भी है। मैं अपने पेरेंट्स को बताना चाहता हूं कि हम दोनों ही मम्मी-पापा से बहुत प्यार करते हैं और उनके साथ ज्य़ादा से ज्य़ादा टाइम बिताना चाहते हैं।

अर्णव

घर में करता हूं एंजॉय

मेरी मम्मी खाना बहुत अच्छा बनाती हैं। इसलिए मुझे होटल से ज्य़ादा घर का ही खाना अच्छा लगता है। वो होमवर्क में मेरी हेल्प करने के साथ ही एक्स्ट्रा भी पढाती हैं। पापा डेली ऑफिस जाते हैं, पर संडे को वो मेरे साथ ही रहते हैं। उस दिन हम दोनों ख्ाूब चेस खेलते हैं। शाम को तीनों लोग बाहर घूमने जाते हैं। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं उनसे बहुत प्यार करता हूं।

दर्श

बोलना है थैंक्स

मैं अपने पेरेंट्स के साथ अकसर ही घूमने जाती हूं। वैसे तो मैं बस से स्कूल जाती हूं, पर जब लेट हो जाती हूं तो पापा ड्रॉप कर देते हैं। मैं मम्मी से अपनी पर्सनल और स्कूल प्रॉब्लम्स डिस्कस करती हूं। पापा मेरा रिजल्ट बहुत ध्यान से चेक करते हैं। मम्मी को गुस्सा ज्य़ादा भी आता है और जल्दी भी, जबकि पापा शांत रहते हैं। मैं उन दोनों को मेरी इतनी केयर और हेल्प करने के लिए थैंक्स बोलना चाहती हूं।

मुस्कान

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