बेहतरीन स्पेस मैनेजमेंट

छोटे से फ्लैट को कम बजट में दिल से कैसे सजाया जा सकता है,यह देखना हो तो दिल्ली से सटे कौशांबी में रहने वाली अर्चना शर्मा का घर देखें।उनके घर में क्रिएटिविटी और नफासत दोनों दिखती है

By Edited By: Publish:Sat, 03 Sep 2016 12:49 PM (IST) Updated:Sat, 03 Sep 2016 12:49 PM (IST)
बेहतरीन स्पेस मैनेजमेंट
अर्चना ने जब फ्लैट खरीदा था तो यह अनफर्निश्ड था। किचन, फ्लोरिंग, इंटर्नल वायरिंग, फॉल्स सीलिंग से लेकर वुडेन वर्क तक उन्होंने खुद कराया। अर्चना को यात्राओं का शौक है। इन यात्राओं की झलक उनके घर में भी दिखती है। घर के इंटीरियर के लिए उन्होंने सिविल इंजीनियर पति और इंटीरियर डिजाइनर की सलाह लेने के साथ ही अपनी कलात्मकता और कल्पना का भी सहारा लिया। वह बताती हैं, 'हमने कुछ समय पहले घर को रेनोवेट कराया है। मेरा बजट लगभग 10-12 लाख का था। मैं घर को सिंपल लुक देना चाहती थी। चूंकि यहां स्पेस थोडा कम है, इसलिए मैंने फर्नीचर वही चुना, जो बहुत हलका और कम स्पेस घेरने वाला हो। ड्रॉइंग रूम इस छोटे से ड्रॉइंग रूम में स्पेस का बेहतरीन मैनेजमेंट नजर आता है। एक कॉर्नर पर डाइनिंग एरिया तो दूसरे पर छोटा सा बार भी है। अर्चना बताती हैं कि वुडेन वर्क और फ्लोरिंग में उनके कुल बजट का लगभग 70 प्रतिशत पैसा खर्च हुआ। इसमें फर्नीचर भी शामिल है। ड्रॉइंग रूम की एक दीवार पर वॉल पेपर लगवाया। सिंपल फैब्रिक सोफे पर गुजराती वर्क वाले कुशन कवर्स खूबसूरत दिखते हैं। वॉटर एलीमेंट्स व मधुबनी पेंटिंग्स के अलावा गुलाब व रजनीगंधा की खुशबू से पूरा घर गुलजार है। बेडरूम्स बेडरूम्स सिंपल लेकिन सुविधाजनक ढंग से बनाए गए हैं। दोनों बेटियों के लिए एक कमरा है। यहां बेड और स्टडी टेबल में स्टोरेज की व्यवस्था की गई है। वुडेन वर्क किचन में स्पेस कम था, इसलिए इसे ओपन रखा गया है। इसमें इलेक्ट्रिकल पॉइंट्स का विशेष ध्यान रखा है। यहीं वॉशिंग मशीन भी लगवाई गई है क्योंकि बाथरूम में मशीन लगाने से उसमें जंग लग जाता है और घर में यूटिलिटी बैलकनी नहीं है। छोटी सी यह किचन बहुत व्यवस्थित है। लोक कलाएं यात्रां की शौकीन अर्चना को लोक कलाएं अभिभूत करती हैं। वह जहां भी जाती हैं , स्थानीय कलाकारों के हाथ से बने सामान जरूर खरीदती हैं। मां के बनाएं हाथ-पंखे को भी सहेज कर रखा है। डेकोरेटर के टिप्स बजट 8-12 लाख 1. बजट 8 से 10 लाख रुपये के बीच है तो 2 बीएचके फ्लैट के लिए वुडेन, लैमिनेट फ्लोरिंग या टाइल की जगह अच्छी क्वॉलिटी का फ्लोर माइकालगा सकते हैं। बाजार में वर्टिफाइड, सिरैमिक, ग्लास मोजेक जैसी कई तरह की टाइल्स उपलब्ध हैं, जो 200 रुपये/स्क्वेयर फीट से 2000 रुपये/स्क्वेयर फीट तक मिल सकती हैं। वुडेन फ्लोरिंग भी 80 से 110 रुपये/स्क्वेयर फीट तक में उपलब्ध है। इसकी मेंटेनेंस थोडी मुश्किल होती है। ज्य़ादातर बिल्डर्स ड्रॉइंग रूम और मास्टर बेडरूम में वुडेन फ्लोरिंग दे रहे हैं। 2. वॉर्डरोब्स में माइका लगाने से लगभग 1300 से 1500 रुपये/स्क्वेयर फीट का खर्च (लेबर चार्ज सहित) आ सकता है। 3. अच्छे ब्रैंड के पेंट कलर्स 20-25 रुपये/स्क्वेयर फीट मिल सकते हैं। इसके लिए मार्केट सर्च करें और अपनी पसंद और बजट के अनुरूप कलर्स चुनें। 4. छोटे फ्लैट्स में पूरी फॉल्स सीलिंग के बजाय हाइलाइटर्स का इस्तेमाल करें। इसमें 115-120 रुपये/स्क्वेयर फीट तक का खर्च आता है। पीओपी करानी हो तो 120-130 रुपये/स्क्वेयर फीट खर्च आ सकता है। 5. लाइटिंग के लिए पीओपी कराएं और कंसील लाइटिंग लगाएं। इसमें इच्छानुसार 3 से 7 वॉट तक के व्हाइट या येलो एलईडी बल्ब्स लगा सकते हैं। ये बाजार में 350 से 600 रुपये तक में मिल जाते हैं। 6. डोर्स पर भी सनमाइका लगा सकते हैं या अच्छी पॉलिश करा सकते हैं। 7. आमतौर पर 7310 एरिया वाले किचन को मॉड्यूलर बनाने में लगभग 4-5 लाख रुपये तक का खर्च आ सकता है। काउंटर टॉप या वर्कस्टेशन पर किस तरह की टाइल या पत्थर लगाना चाहते हैं, इस पर भी खर्च निर्भर करता है। सस्ते बजट में भी मार्केट में ढेरों विकल्प मौजूद हैं। प्रस्तुति : इंदिरा राठौर (इनपुट्स : संतरास एंड एसोसिएट्स के आर्किटेक्ट-कंसल्टेंट संतरास, जो इस फ्लैट के इंटीरियर कंसल्टेंट भी है)
chat bot
आपका साथी