दूसरों को नहीं खुद को बदलें

कुछ लोग दूसरों में हमेशा परफेक्शन ढूंढते हैं। ऐसी आदत की वजह से उनके रिश्तों में बहुत जल्दी दरार आ जाती है। इस समस्या से बचने के लिए अपनी सोच को सकारात्मक बनाना बहुत जरूरी है।

By Edited By: Publish:Sat, 10 May 2014 11:20 AM (IST) Updated:Sat, 10 May 2014 11:20 AM (IST)
दूसरों को नहीं खुद को बदलें

उसने मुझे मेरे जन्मदिन पर फोन नहीं किया, जब भी मुझे मदद की जरूरत होती है तो वह मुकर जाता है, कोई मेरी भावनाओं को नहीं समझता। आपने अपने आसपास कुछ ऐसे लोगों को जरूर देखा होगा, जो छोटी-छोटी बातों को लेकर बहुत ज्यादा शिकायतें करते हैं। इसी वजह से अपने आसपास के लोगों के साथ उनके संबंध बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं और इसके लिए वे हमेशा दूसरों को दोषी ठहराते हैं।

क्यों होता है ऐसा

आपने कभी सोचा है कि लोगों को ऐसी समस्या क्यों होती है। किसी भी इंसान के व्यक्तित्व को बनाने में उसकी परवरिश का बहुत बडा योगदान होता है। ऐसा देखा गया है कि जिन बच्चों के परिवार का माहौल खुशनुमा होता है, बडे होने के बाद वे अपने सभी रिश्तों को कुशलता से निभा पाते हैं। इसके विपरीत जिन बच्चों के परिवार का माहौल तनावपूर्ण होता है या जिनके माता-पिता को दूसरों में कमियां निकालने की आदत होती है, बाद में उनके बच्चे अपने पारिवारिक या सामाजिक संबंधों को सहजता से नहीं निभा पाते।

समस्या परफेक्शन की

जो लोग परफेक्शनिस्ट होते हैं, वे केवल अपने कामकाज ही नहीं, बल्कि दूसरों के व्यक्तित्व में भी परफेक्शन की तलाश करते हैं। इसलिए उन्हें हमेशा दूसरों में खामियां ही दिखती हैं। अपने किसी भी रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए ऐसे लोग अपनी ओर से कोई पहल नहीं करते। कई बार तो छोटी-छोटी बातों की वजह से नाराज होकर अच्छे संबंधों को भी बिगाड देते हैं।

कोई नहीं होता मुकम्मल

कोई भी इंसान पूरी तरह परफेक्ट नहीं होता। हम सब में कोई न कोई कमी जरूर होती है। हमेशा दूसरों में कमियां ढूंढ कर उसने किनारा करने वाले इंसान के जीवन में एक वक्त ऐसा भी आता है, जब वह बहुत अकेला पड जाता है। ऐसे लोगों का कोई भी रिश्ता सहज नहीं रह पाता। चाहे दांपत्य जीवन हो या प्रोफेशन लाइफ, हर जगह इन्हें दूसरे में कोई न कोई कमी नजर आती है। इसी के आधार पर साथ वाले व्यक्ति के साथ अकसर इनका बर्ताव नाराजगी भरा होता है। ऐसी आदत का सामाजिक संबंधों पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पडता है। ऐसे लोगों का चिडचिडा स्वभाव उनके दोस्तों और रिश्तेदारों को उनसे दूर कर देता है।

संभव है बदलाव

अगर आपको भी अपने भीतर कुछ ऐसी आदतें दिखाई देती हैं तो इसके लिए शर्मिदा होने की कोई जरूरत नहीं है। किसी भी इंसान में खूबियों के साथ कुछ खामियां भी होती हैं। अगर सकारात्मक सोच के साथ कोशिश की जाए तो ऐसी आदत में आसानी से बदलाव लाया जा सकता है :

-चाहे कोई भी रिश्ता हो उसे अच्छी तरह निभाना भी एक कला है और इसके लिए दूसरों की छोटी-छोटी खामियों को नजरअंदाज करना जरूरी होता है।

-अगर किसी की बातों से आपको दुख पहुंचा हो तो भी उसे भूल कर नए सिरे से अपने संबंध सुधारने की कोशिश करें।

-कभी खुद को दूसरों की जगह पर रख कर देखें। इससे आपके लिए अपने व्यवहार में सुधार लाना आसान हो जाएगा।

-रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए भावनाओं के साथ समझदारी की भी जरूरत होती है। इसलिए हमेशा अपना व्यवहार संतुलित रखें।

(रिलेशनशिप एक्सपर्ट अनु गोयल से बातचीत पर आधारित)

विनीता

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