सफलता का मतलब पैसा नहीं

कॉमेडी का सिनेरियो बदलने वाले हंसी के बादशाह कपिल शर्मा ने जिंदगी को करीब से देखा है। वे उन्हीं अनुभवों को अपनी कॉमेडी में पिरोते हैं और लोगों को हंसने के लिए मजबूर करते हैं। कुछ सवाल कपिल से ..।

By Edited By: Publish:Mon, 01 Sep 2014 04:27 PM (IST) Updated:Mon, 01 Sep 2014 04:27 PM (IST)
सफलता का मतलब पैसा नहीं

1. अपने शो की सफलता को कैसे देखते हैं?

इसमें मेरी मेहनत, सोच और मेरे साथ काम करने वाले सभी कलाकारों और पर्दे के पीछे काम करने वाले साथियों की बडी भूमिका है। मैं जो कर सकता हूं, वही करता हूं। सफलता में बडी भूमिका दर्शकों की भी है। मैं उनका शुक्रगुजार हूं।

2. आप जिंदगी को कैसे देखते हैं?

मैं जिंदगी को लेकर बहुत सकारात्मक हूं। मैं ईश्वर या किसी व्यक्ति से कोई शिकायत नहीं करता। मैं जिंदगी से पूरी तरह संतुष्ट और खुश हूं। मुझे जो करना था, किया। मेरे लिए जिंदगी एक अनुभव भी है। जब कभी मैं किसी भिखारी को देखता हूं या फिर किसी अमीर आदमी को, दोनों की जिंदगी के अनुभव महसूस करता हूं और उन अनुभवों से ही अपने प्रोफेशन में गहराई ला पाया हूं। लोग मेरी बातें सुनकर हंसते हैं और कई बार मुझसे पूछते हैं कि मैं कैसे हर किसी से मजाक कर लेता हूं। इसकी वजह यही है कि मैं लोगों की जिंदगियों को बहुत ध्यान से देखता हूं।

3. आपकी नजर में जिंदगी क्या है?

मेरी नजर में जिंदगी का मतलब है लोगों को खुश रखना। खुद के लिए जीने का कोई मतलब नहीं।

4. आपकी नजर में सफलता के मायने?

मेरे लिए सफलता का मतलब पैसा नहीं है। आज मुझे लोगों का प्यार मिल रहा है, लोग मुझे पहचान रहे हैं, कहीं जाता हूं तो इज्जत देते हैं, अपने परिवार को खुश रख पा रहा हूं, मेरे लिए सफलता के मायने बस यही हैं।

5. आप कब निराश हुए और उससे कैसे उबरे?

जिंदगी में बडी निराशा उस वक्त आई, जब मैंने अपने पिता को खोया। मैं पिताजी के बेहद करीब था। शुरू से ही पढाई और नौकरी से दूर भागता था, लेकिन पिताजी ने कभी नहीं कहा कि तुम्हें यह नहीं, वह करना चाहिए। मुझे उनसे हमेशा प्रेरणा मिली। पिताजी के जाने के बाद घर में कोई नहीं था, जो घर संभाल सके। मां चाहती थीं कि मैं जॉब कर लूं, लेकिन मेरा दिल नहीं माना। उस वक्त लगा कि जिंदगी में और कुछ भी नहीं है, लेकिन हिम्मत हारता तो फिर परिवार को कैसे देखता? सो हिम्मत बनाए रखी और मुंबई आया। मेहनत से जगह बनाई। पिताजी को खोने का गम हमेशा रहेगा, पर जिंदगी तो अपनी रफ्तार से चलेगी ही। पिछले दिनों जब सेट पर आग लग गई थी, तब भी काफी दुख हुआ, लेकिन बाद में सोचा कि जब पिता जैसे अनमोल व्यक्ति को खो दिया तो फिर यह दुख तो उसके सामने कुछ भी नहीं। पिताजी की कही हुई बातों और यादों ने एक फिर मुझे सहारा दिया।

6. बिना तनाव के जीने का क्या तरीका है?

अगर तनावमुक्त रहना चाहते हैं तो आपके पास एक ही उपाय है कि किसी दूसरे से ईष्र्या मत करो। आपकी आधी चिंता तो उसी समय खत्म हो जाएगी। दूसरी बात यह है कि बुरी परिस्थिति में भी मुस्कुराते रहो। आपने जो सोचा है, वह जरूर मिलेगा, लेकिन सकारात्मक सोच रखते हुए मेहनत करनी होगी। दूसरों को हंसाते और खुद भी हंसते रहिए, तनावमुक्त रहेंगे।

7. आज कैसा महसूस करते हैं?

मेरे पिताजी पुलिस में थे। जब वे गए, तब कुछ समय बाद सरकारी क्वार्टर खाली करना पडा। बहन की भी शादी करनी थी। समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे क्या किया जाए? उसी समय मैं मुंबई आया। मुझे यहां कोई नहीं जानता था, लेकिन टैलेंट काम आया। शो लाफ्टर चैलेंज का प्रतिभागी बना। उसे जीतने का मौका मिला। मुझे इनाम के रूप में दस लाख रुपये का चेक मिला। वे सारे पैसे मैंने बहन की शादी में लगा दिए। आज उस दिन को याद करता हूं तो आंखें भर आती हैं। लगता है कि पीछे एक पूरी जिंदगी छोडकर यहां पहुंचा हूं। अब लोग मुझे जानते हैं, दिल से प्यार देते हैं। मैं उनका शुक्रगुजार हूं। यह सोचता हूं कि अगर दिल से मेहनत नहीं की होती और चीजें आसानी से मिल जातीं तो आज जहां हूं, शायद न पहुंच पाता। खुशी होती है कि परिवार का साथ और ऊपर वाले का हाथ मिला और जो किया अपने दम पर और ईमानदारी से किया है।

8. खुशी क्या है? पैसा, प्रतिष्ठा या कुछ और?

मेरी खुशी मेरा परिवार व प्रतिष्ठा है। पैसा तो ईमानदारी से मेहनत करके कोई भी कमा सकता है।

रतन

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