गार्डन में उगाएं सब्जियां
अब आप सीमित क्षेत्र में भी सब्जियां उगा कर भोजन की थाली को स्वास्थ्यवर्धक बना सकते हैं। आपको बस इन्हें उगाने का सही तरीका मालूम होना चाहिए।
अगर आप किसी छोटे घर या फ्लैट में रहते हैं और जमीन के नाम पर आपके पास छोटी सी बैलकनी या छत ही है तो निराश होने की जरूरत नहीं है। पुरानी चीजों का करें उपयोग सब्जियां उगाने के लिए पुराने व्यर्थ पडे सिंक, टब, बाल्टियों, लकडी की पेटियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। बस ध्यान रखना होगा कि पानी के निकास की सही व्यवस्था जरूर हो। बैलकनी में थोडी जगह है तो पेंट या डिस्टेंपर की खाली बाल्टियों के अलावा फलों की टोकरियों या पेटियों का उपयोग कर सकते हैं। पेंट के बडे-बडे डिब्बों के नीचे आपको कम से कम तीन छेद अवश्य बनाने चाहिए, ताकि पानी का निकास सही ढंग से हो सके। छेदों पर कम से कम दो इंच के मिट्टी के दीये के टुकडे रखें। इससे फालतू पानी सोखने में मदद मिलती है और पानी की सही प्रकार से निकासी भी हो जाती है। लकडी की पेटियों पर नीचे मोटी प्लास्टिक शीट बिछा कर फिर मिट्टी डालें। सही खाद चुनें सब्जियों की खाद के लिए भी वही नियम लागू होता है, जो गमलों में लगाए जाने वाले फूलों के लिए होता है। मिट्टी भारी व चिकनी नहीं होनी चाहिए। दो भाग पुरानी मिट्टी, एक भाग गोबर और एक भाग पत्ती की पुरानी खाद मिला लें। फिर इसके दसवें भाग के बराबर नीम की खली का चूरा मिला दें। मिट्टी थोडी भारी लग रही हो तो नदी की बालू या बदरपुर की मोटी बजरी एक भाग मिला दें, ताकि मिट्टी हलकी हो जाए व पानी का निकास होने से जडों के विकास में सहायता मिले। मिट्टी न मिलने की स्थिति में नदी की मोटी वाली बालू अथवा बदरपुर की मोटी वाली बजरी में पत्ती व गोबर की खाद मिला कर सब्जियां उगाई जा सकती हैं। छत पर प्लास्टिक की मोटी चादर बिछा कर उस पर तैयार खाद और मिट्टी फैला दें और फिर इसमें हरी सब्जियां, पुदीना, हरा धनिया सफलतापूर्वक उगाएं। ऐसा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि छत पर नीचे कमरों में पानी व सीलन से बचाव के लिए वॉटर प्रूफिंग की व्यवस्था जरूर हो, नहीं तो घर में सीलन आ जाएगी।