सल्फेट जो जानना है जरूरी
क्या आप जानती हैं कि ब्यूटी प्रोडक्ट्स नुकसान भी पहुंचा सकते हैं? आजकल 'सल्फेट-फ्री' प्रोडक्ट्स की भरमार है। क्या है सल्फेट और यह क्यों नुकसानदेह है, आइए जानें सखी से।
मेकअप से आपकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं, मगर क्या आप जानती हैं कि यही स्किन और हेयर ब्यूटी प्रोडक्ट्स आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकते हैं? इन्हीं ब्यूटी प्रोडक्ट्स के जरिये कुछ ऐसी चीजें आपके ब्लड में जा सकती हैं, जो आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं। हैरानी की बात यह है कि कॉस्मेटिक इंडस्ट्री इन तमाम दावों को कभी स्वीकार नहीं करती। इसलिए आपको ही अपने प्रोडक्ट्स के बारे में पूरी जानकारी रखनी होगी। ब्यूटी प्रोडक्ट्स में कुछ ऐसे टॉक्सिक इंग्रेडिएंट्स होते हैं, जिनका इस्तेमाल आपके लिए खतरनाक हो सकता है, इसलिए जितना हो सके, इनके इस्तेमाल से बचें। पुरानी है कहानी 1930 के दशक में शैंपू, साबुन, टूथपेस्ट और दूसरे फोमिंग केयर प्रोडक्ट्स में सल्फेट जैसे सिंथेटिक डिटर्जेंट मिलाने का काम शुरू हुआ था। हाई-फोमिंग प्रोडक्ट्स की ओर लोगों के बढते रुझान के बाद से सल्फेट काफी प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होने लगा। सल्फेट की तरह ही पैरबेन भी लगभग 1950 से ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल हो रहा है। यह बैक्टीरिया को रोकने और डिओ, लोशन, लिपस्टिक, शैंपू, स्क्रब्स आदि प्रोडक्ट्स में प्रिजर्वेटिव के लिए इस्तेमाल होता है। वहीं, सल्फेट्स को झाग पैदा करने और सफाई के मकसद से टूथपेस्ट, शैंपू और बॉडी वॉश जैसे प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है। सल्फेट के अलावा पैरबेन्स वाले ब्यूटी प्रोडक्ट्स भी स्किन और हेयर को नुकसान पहुंचाते हैं। इनके बारे में जानकारी होना बेहतर है, ताकि आप फैसला कर सकें कि आपको किस तरह के प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने हैं। होगा जो नुकसान सल्फेट प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से बालों का नैचरल रंग फेड हो जाता है। यही नहीं, इससे बालों के क्यूटिकल खुल जाते हैं और इनके कमजोर होने और टूटने का खतरा बढ जाता है। यह आपके हाथों की त्वचा, बालों या मुंह के लिए ठीक नहीं होता। ज्य़ादा फोमिंग से त्वचा की नमी और प्रोटेक्टिव बैरियर नष्ट हो जाते हैं। सल्फेटयुक्त टूथपेस्ट से त्वचा की तरह मुंह की बाहरी प्रोटेक्टिव लेयर नष्ट होती है। यही नहीं, सल्फेट्स दूसरे टॉक्सिक बाय-प्रोडक्ट्स भी पैदा कर सकता है। सल्फेट से बालों के ड्राई होने और स्कैल्प में खुजली होने जैसी परेशानियां सामने आती हैं। पैरबेन का खतरा कुछ अध्ययनों के अनुसार पैरबेन स्त्रियों के बॉडी सेल्स हॉर्मोंस की सामान्य गति को प्रभावित करता है। यह ब्रेस्ट ट्यूमर में भी पाया गया है। हालांकि, अब तक इसकी वजह से कैंसर होने के सबूत नहीं मिले हैं। वहीं, सल्फेट्स प्रोटीन का स्तर कम करके सेल्स को नुकसान पहुंचाता है। इसके अवशेष इंसानी दिल, फेफडे और ब्रेन में पाए गए हैं। ऐसे करें पहचान सल्फेट की पहचान करना काफी आसान है। अगर शैंपू काफी झाग बना रहा है तो मान लें कि इसमें सल्फेट है। इसकी पहचान के लिए पैक का लेबल पढें। इसमें सल्फेट सबसे ऊपर के तत्वों में ही लिखा दिख जाएगा। हालांकि, पैरबेन को नोटिस करना थोडा मुश्किल काम है। यह ब्यूटिलपैरबेन, प्रॉपलपैरबेन,मिथाइलपैरबेन या अल्काइन पैराहाइड्रॉक्सी बेन्जोट्स नाम से भी हो सकता है। पैरबेन वाले प्रोडक्ट्स से बचने के लिए पौधों से निकाले गए तत्वों जैसे फेनोक्सेथानोल, ईथर एल्कोहॉल या एथाइलहेक्सिग्लिसरीन वाले प्रोडक्ट्स ही इस्तेमाल करें। ज्य़ादातर केमिकल्स खतरनाक होते हैं, इसलिए कोशिश करें कि इनका इस्तेमाल अधिक मात्रा में न करें और प्रोडक्ट्स बदलते रहें। सल्फेट फ्री प्रोडक्ट्स भी अच्छा ऑप्शन है पर इनकी कीमत आम ब्यूटी प्रोडक्ट्स से थोडी ज्य़ादा हो सकती है। ऐसा नहीं है कि सल्फेट-फ्री प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा। बालों और स्किन की अच्छी तरह देखभाल करने के लिए कोशिश करें कि फ्रूट्स और वेजटेबल से बने प्रोडक्ट्स का ही इस्तेमाल करें। जानें यह भी... लिपस्टिक से बेशक आपके होंठों की सुंदरता बढती है लेकिन इसमें एल्युमीनियम और लेड दोनों ही होते हैं। लिपबाम में कुछ ऐसे हानिकारक तत्व होते हैं, जो लार या खाने द्वारा शरीर में चले जाएं तो नुकसानदेह हो सकते हैं। इससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। कुछ अध्ययनों के अनुसार इससे एनीमिया भी हो सकता है। लिपस्टिक के ज्य़ादा इस्तेमाल से कई बार होंठ स्थायी रूप से काले हो सकते हैं। इससे एलर्जी हो सकती है, होंठ सूख जाते हैं और इस पर पपडी जम जाती है, जिसमें से खून भी निकल सकता है। गीतांजलि (कॉस्मेटोलॉजिस्ट एंड ब्यूटी एक्सपर्ट भारती तनेजा और डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. निवेदिता दादूसे बातचीत पर आधारित)